जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रीवा में आज एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ससुर ब्रह्मादीन यादव की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से शुरू हुई। गमगीन माहौल में मुख्यमंत्री के दोनों बेटे अभिमन्यु और वैभव, उनकी बुआ कलावती यादव, प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल समेत कई राजनैतिक और सामाजिक हस्तियां उन्हें अंतिम विदाई देने पहुँचीं। 98 वर्ष की आयु में ब्रह्मादीन यादव ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में अपने घर पर मंगलवार रात अंतिम सांस ली।
सबसे बड़ी और हैरान करने वाली बात यह रही कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कठिन समय में अपने ससुर की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाए। दरअसल, सीएम इस वक्त सात दिन की दुबई और स्पेन यात्रा पर हैं। उनके साथ उनकी पत्नी सीमा यादव भी विदेश दौरे पर मौजूद हैं। जिस समय सुल्तानपुर से उनके ससुर के निधन की सूचना आई, उस वक्त सीएम दुबई से स्पेन के लिए रवाना हो चुके थे। विदेशी ज़िम्मेदारियों और लंबी दूरी के चलते वे अंतिम संस्कार में शामिल होने रीवा नहीं पहुँच पाए।
ब्रह्मादीन यादव की जीवनी भी बेहद प्रेरक रही। उनका असली नाम ब्रह्मानंद यादव था। विद्यार्थी जीवन में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे। संघ के कार्यक्रमों व आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अपना नाम बदलकर ब्रह्मादीन रख लिया और मुंबई चले गए। वहाँ रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर उत्तर प्रदेश लौटे। इसके बाद नौकरी की तलाश में मध्यप्रदेश के रीवा पहुँचे जहाँ उन्हें एक राजकीय स्कूल में नौकरी मिल गई। ब्रह्मादीन यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई और 1987 में प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए।
रिटायरमेंट के बाद ब्रह्मादीन यादव अपने बेटे विवेकानंद यादव के साथ सुल्तानपुर में रहने लगे। विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक हैं। परिवार में उनके तीन बेटे और एक बेटी हैं। बेटी सीमा यादव की शादी 1994 में उज्जैन में मोहन यादव से हुई थी। सीमा ने 1989 में रीवा से भूगोल में एमए किया था और वह भी संघ से जुड़ी रही हैं। मोहन यादव से उनकी पहली मुलाकात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में 1984 में हुई थी, जब मोहन विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे। इसी परिचय ने आगे चलकर रिश्ते की नींव रखी।
पिछले महीने यानी 27 जून की रात अचानक ब्रह्मादीन यादव की तबियत बिगड़ गई। उन्हें सांस और पेट से जुड़ी समस्याओं के चलते ICU में भर्ती कराया गया। बेटी सीमा यादव भी अपने परिवार के साथ उनसे मिलने रीवा पहुँची थीं और तबीयत में सुधार के बाद 30 जून को उन्हें अस्पताल से घर ले आया गया। लेकिन मंगलवार शाम उनकी हालत फिर बिगड़ी और जब तक परिजन अस्पताल लेकर पहुँचे, उनकी साँसें थम चुकी थीं। पिछले वर्ष 2023 में उनकी पत्नी का भी निधन हो चुका था।
इस दुखद मौके पर रीवा में भारी भीड़ जुटी। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शामिल होकर इस कर्मयोगी शिक्षक, संघ स्वयंसेवक और कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता को अंतिम विदाई दी। वहीं करुणा से भरे इस माहौल में एक खालीपन भी साफ दिखा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके दामाद, डॉ. मोहन यादव अपने ससुर की अंतिम विदाई में शामिल नहीं हो सके।