लो प्रेशर और साइक्लोनिक सिस्टम से फिर बरसेंगे बादल — मध्यप्रदेश के 30 जिलों में सोमवार-मंगलवार तक हल्की बारिश की चेतावनी; 4 नवंबर से बढ़ेगी ठंड

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव क्षेत्र) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवातीय सिस्टम) के असर से राज्य में अगले दो दिन यानी सोमवार और मंगलवार तक कई इलाकों में बादल, गरज-चमक और हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।
रविवार को जहां कई जिलों में धूप खिली रही, वहीं सोमवार से फिर बूंदाबांदी और बादल छाने की संभावना है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान: भोपाल-इंदौर-उज्जैन में हल्की बारिश

सीनियर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि रविवार को राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक निम्न दबाव का क्षेत्र और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय रहा। इसका असर आने वाले दो दिन और देखने को मिलेगा। इस सिस्टम से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर और जबलपुर संभागों के करीब 30 जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी के आसार हैं।

रविवार को धूप खिली, तापमान में बढ़ोतरी

रविवार को ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहा और धूप निकलने से तापमान में 1 से 2.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

  • भोपाल का अधिकतम तापमान 31.1°C,

  • इंदौर का 30.1°C,

  • ग्वालियर का 31°C,

  • उज्जैन का 30°C,

  • और जबलपुर का 29.8°C रहा।

वहीं दतिया, गुना, नर्मदापुरम, रतलाम, खंडवा, छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, मंडला और सतना में भी पारा 30°C के आसपास दर्ज किया गया।

4 नवंबर से एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस, बढ़ेगी ठंड

4 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय होने का अनुमान है। इसका असर 48 घंटे बाद मध्यप्रदेश में दिखेगा।
इस दौरान उत्तर से ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे दिन और रात दोनों तापमान में गिरावट आएगी। यानी 6 नवंबर से ठंड धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी।

अक्टूबर में हुई 121% ज्यादा बारिश, अब नवंबर में ठंड और बारिश दोनों

मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर माह में प्रदेश में सामान्य से 121% अधिक बारिश दर्ज की गई। औसतन जहां 1.3 इंच पानी गिरना चाहिए था, वहीं इस बार 2.8 इंच बारिश हुई। इस वजह से नवंबर में तेज ठंड और बीच-बीच में बारिश का ट्रेंड बना रहेगा।

30 अक्टूबर को भोपाल में दिन का तापमान सिर्फ 24°C तक गिर गया — जो पिछले 25 सालों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन था। उज्जैन, नरसिंहपुर, और छतरपुर में भी पारा 24°C से नीचे चला गया।

इंदौर में 10 साल की दूसरी सबसे ज्यादा अक्टूबर बारिश

बारिश के आंकड़ों की बात करें तो इंदौर में इस अक्टूबर में 3.4 इंच पानी गिरा — जो पिछले 10 सालों में दूसरी सबसे ज्यादा है।

  • भोपाल में 2.8 इंच,

  • जबलपुर में 3.3 इंच,

  • ग्वालियर में 4.2 इंच,

  • और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई।

राज्य का सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला श्योपुर रहा, जहां 6.52 इंच बारिश हुई। इसके बाद झाबुआ (5.52 इंच), सिंगरौली (5.35 इंच), सीधी (5 इंच) और अनूपपुर (4.82 इंच) का नंबर रहा। केवल खंडवा ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई।

मानसून की हैप्पी एंडिंग, जलस्तर भी बेहतर

इस साल मध्यप्रदेश में मानसून का प्रदर्शन शानदार रहा। गुना और श्योपुर जैसे जिलों में बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई — गुना में 65.7 इंच, जबकि श्योपुर में 216% अधिक बारिश हुई। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बार की अच्छी बारिश से पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा, साथ ही भू-जल स्तर भी बेहतर रहेगा।

नवंबर में ठंड बढ़ेगी, कुछ जगह रिकॉर्ड टूटने के आसार

मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेज़ होगा। ग्वालियर-चंबल संभाग में सीधी उत्तरी हवाएं आने से तापमान में तेज़ गिरावट होगी। इतिहास पर नज़र डालें तो ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का तापमान 3°C, जबकि उज्जैन में 52 साल पहले 2.3°C तक दर्ज हुआ था।

इस बार भी मौसम का रुख बताता है कि नवंबर में बारिश और ठंड दोनों एक साथ देखने को मिलेंगे।

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