पहलगाम आतंकी हमले में शहीद सुशील की अंतिम विदाई, इंदौर ने नम आंखों से दी विदाई: ताबूत से लिपटी पत्नी, टूटे पिता; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत नेताओं और सैकड़ों लोगों ने दी श्रद्धांजलि!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में इंदौर निवासी सुशील नथानियल की मौत हो गई। इस आतंकी हमले में कुल 27 लोगों की जान गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। सुशील नथानियल अपने परिवार के साथ कश्मीर की यात्रा पर थे। उनके साथ उनकी पत्नी जेनिफर, बेटे ऑगस्टिन और बेटी आकांक्षा भी मौजूद थीं। हमले में आकांक्षा को गोली लगी है, उनका इलाज जारी है।

सुशील का अंतिम संस्कार मंगलवार को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाज से किया गया। इससे पहले वीणा नगर स्थित उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई, जो नंदा नगर चर्च पहुंची, जहां अंतिम प्रार्थना के बाद शव को कब्रिस्तान ले जाया गया। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में परिजन, रिश्तेदार, स्थानीय लोग, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और राजनेता शामिल हुए। इस दौरान जो दृश्य सामने आया, उसने हर आंख को नम कर दिया। उनकी पत्नी जेनिफर ताबूत से लिपटकर बेसुध रोती रहीं। पिता सदमे में थे। बुआ इंदु डावर कांपती आवाज़ में बार-बार पूछती रहीं – “अब किसका इंतज़ार करूंगी मैं?”

इस दौरान उनके बेटे ऑगस्टिन गोल्डी ने दिल दहला देने वाला बयान दिया – “आतंकी कैमरे लगाकर आए थे, सेल्फी ले रहे थे। हर किसी से धर्म पूछते और जिसकी पहचान पर शक होता, उसे गोली मार देते।” बेटे ऑगस्टिन गोल्डी ने कहा- वे हर किसी से पूछ रहे थे कि मुस्लिम। जिसने कहा हां, उससे बोले- कलमा पढ़कर दिखाओ। फिर कहा खतना नहीं है तुम्हारा और गोली मार दी। ऑगस्टिन ने बताया कि आतंकवादी कैमरे लगाकर आए थे और सेल्फी ले रहे थे। बता दें, सुशील का परिवार – उनकी पत्नी, बेटी और बेटा – इस हमले के प्रत्यक्षदर्शी हैं। बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी, पर वह बच गईं और उनका इलाज चल रहा है।

मंत्री तुलसी सिलावट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधायक रमेश मेंदोला समेत कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी।  इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एयरपोर्ट पर सुशील के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं और भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा प्रदेश और देश पीड़ित परिवार के साथ है। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलते ही उनके परिजन फूट-फूट कर रो पड़े।

जानकारी के लिए बता दें, सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे 4 दिन पहले ही 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ 18 अप्रैल को कश्मीर गए थे। 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुशील भी शामिल थे। बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी थी। सुशील की पत्नी जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में टीचर हैं। आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर जबकि ऑस्टिन बैडमिंटन खिलाड़ी है। परिवार मूल रूप से जोबट का रहने वाला है।

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