जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के गुना जिले में गुरुवार का दिन भू-माफियाओं के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था। क्योंकि जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सख्त आदेशों पर भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई, तो हर कोई हैरान रह गया।
दरअसल, गुना में चाचौड़ा के कमलपुर और देदला गांव में 900 बीघा वनभूमि पर भू-माफिया ने अतिक्रमण कर रखा था। जब इस मामले की शिकायत अधिकारियों को मिली, तो वे अपनी पूरी तैयारी के साथ अतिक्रमण हटवाने पहुंच गए। जब वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की टीम 60 बुलडोजर के साथ ‘आर्मी स्टाइल’ में आई, तो माफियाओं में हड़कंप मच गया और अतिक्रमणकारी जमीन छोड़कर भाग खड़े हुए।
चाचौड़ा तहसील में वन विभाग ने 900 बीघा वनभूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया है। इस मेगा ऑपरेशन में 60 बुलडोजर और 600 से अधिक वन अधिकारी शामिल रहे। गुना कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, और वन मंडल अधिकारी के मार्गदर्शन में इस कार्रवाई को पूरा किया गया। एसडीएम चाचौड़ा रवि मालवीय और एसडीओपी दिव्या राजावत ने मौके पर मौजूद रहकर ऑपरेशन का नेतृत्व किया। सोशल मीडिया पर इस ऐतिहासिक कार्रवाई के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
बता दें, हाल ही में गुना दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। और गुरुवार को यह आदेश एक ऐतिहासिक ऑपरेशन में तब्दील हो गया। वहीं, इस ऑपरेशन ने भू-माफियाओं को सीधा संदेश दिया है—कानून से ऊपर कोई नहीं।
अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन वन क्षेत्र में आती है, जहां निर्माण या खेती करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ जगहों पर हल्का विरोध हुआ, लेकिन पुलिस की मौजूदगी ने स्थिति को संभाल लिया। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई जंगल और पर्यावरण की रक्षा के लिए की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के बाद यहां पौधारोपण किया जाएगा ताकि पर्यावरण को सुधारा जा सके। अधिकारियों ने कहा कि जंगल की जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए यह कदम उठाना बहुत जरूरी था। अतिक्रमण हटाने के बाद इस भूमि का पुनर्वास किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की हरियाली फिर से लौट सके।