जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस केस में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को लेकर हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने बताया कि मनोजीत का कॉलेज में लंबे समय से आतंक था। वह छात्राओं की तस्वीरें खींचकर उन्हें ग्रुप्स में पोस्ट करता था और खुलेआम लड़कियों को प्रपोज करता था। पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप ने न केवल कॉलेज के प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी शिक्षा संस्थाएं अब सुरक्षित नहीं रहीं?
25 जून को कॉलेज परिसर में ही छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ। पुलिस जांच में साफ हुआ कि यह घटना पूर्व नियोजित थी और मनोजीत मिश्रा ने पीड़िता को कॉलेज में दाखिले के पहले दिन से ही निशाने पर लिया हुआ था। मेडिकल जांच और कॉलेज के CCTV फुटेज ने गैंगरेप की पुष्टि कर दी है। फुटेज में पीड़िता को जबरन गार्ड के कमरे में ले जाते और बंद कमरे में कई घंटों तक रखा जाना साफ नजर आता है।
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि आरोपी मनोजीत मिश्रा को कॉलेज प्रशासन ने कुछ महीने पहले ही अस्थायी फैकल्टी के रूप में हायर किया था, क्योंकि वहां स्टाफ की कमी थी। इतना ही नहीं, आरोपी को कॉलेज में “छात्र-प्रशासन के बीच देवता” का दर्जा प्राप्त था। वह हर स्टूडेंट की डिटेल, फोन नंबर और निजी जानकारी तक रखता था।
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद मुख्य आरोपी मनोजीत ने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी को फोन किया था। पुलिस ने इस मामले में उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया है। आरोपी के शरीर पर नाखूनों के गहरे निशान मिले हैं, जो इस बात के गवाह हैं कि पीड़िता ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की थी।
घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने मनोजीत मिश्रा की नौकरी समाप्त कर दी और दोनों छात्र आरोपियों को कॉलेज से सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही, बार काउंसिल से आरोपी की सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की गई है। कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए हैं, जिन्हें घटना के बाद हिरासत में लिया गया है।
इस केस को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि चूंकि आरोपी का संबंध राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी TMC से है, इसलिए पुलिस जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।
इस शर्मनाक घटना ने 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर की भयावह याद ताजा कर दी है। उस केस में दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है। अब एक बार फिर सवाल उठता है—आखिर कब तक हमारी बच्चियों को संस्थानों में अपनी सुरक्षा के लिए डरते हुए पढ़ाई करनी पड़ेगी?