जबलपुर गोल्ड लोन बैंक डकैती: बिहार के सुबोध सिंह गैंग से जुड़ा तार, पुलिस ने घोषित किया 30 हजार का इनाम; हेलमेट पहने पांच लुटेरे 20 मिनट में दिया था वारदात को अंजाम!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जबलपुर के इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में 11 अगस्त को हुई लाखों की सोना-नकदी लूटकांड का तार सीधे बिहार की कुख्यात अपराधी गैंग से जुड़ता नजर आ रहा है। लूट का तरीका, समय और टारगेट का चयन देश के अलग-अलग राज्यों में हुई अन्य वारदातों से बिल्कुल मेल खाता है। जांच में सामने आया है कि लुटेरों ने गोल्ड लोन देने वाली बैंक को सुबह-सुबह निशाना बनाया, ठीक वैसे ही जैसे बिहार के गैंगस्टर सुबोध सिंह के गुर्गे पहले कर चुके हैं। वारदात के दौरान कुछ बदमाश भोजपुरी में बातचीत करते सुने गए, जिससे शक और गहरा गया है।

सूत्रों के मुताबिक, इस लूट की साजिश जेल में रची गई हो सकती है। पाटन का रहने वाला गांजा तस्कर रईस सिंह कुछ समय पहले उड़ीसा की जेल में बंद था, जहां उसकी बैरक में सुबोध सिंह गैंग के सदस्य भी थे। संभावना जताई जा रही है कि यहीं पर वारदात का प्लान तैयार हुआ। जेल से रिहाई के बाद रईस ने स्थानीय गांजा सप्लायर बबलू सिंह से मुलाकात की और उसे अपने प्लान में शामिल कर लिया। बबलू का भी आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और वह कई बार जेल जा चुका है। फिलहाल पुलिस इन दोनों की तलाश में है।

पुलिस जांच में एक और अहम सुराग मिला है—लुटेरों ने वारदात से पहले जबलपुर के इंद्राना गांव में एक कमरा किराए पर लिया था। जितेंद्र झारिया नामक व्यक्ति के घर पर वे 10 से 12 दिन तक रुके और खुद को बैंक लोन दिलाने वाला कर्मचारी बताते रहे। यह कमरा सोनू बर्मन नामक युवक ने किराए पर दिलवाया था। वारदात के बाद पुलिस ने जितेंद्र के घर से बिना नंबर की बाइक, पिस्टल और अन्य दस्तावेज बरामद किए। लूट के दिन बदमाश बाइक से सिहोरा, पोंडा, सुंवनी, मझौली होते हुए इंद्राना लौटे और 24 घंटे के भीतर फरार हो गए। जल्दबाजी में वे पिस्टल और कुछ कागजात वहीं छोड़ गए।

यह कोई पहली बार नहीं है जब सुबोध सिंह का नाम ऐसे हाई-प्रोफाइल लूटकांड में आया हो। जनवरी 2025 में ओडिशा के संबलपुर स्थित मणप्पुरम फाइनेंस में 30 किलो सोना और चार लाख नकदी लूटने की योजना भी इसी ने जेल में रहते हुए बनाई थी। इसी तरह, मई 2025 में बिहार के समस्तीपुर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 5 करोड़ का सोना और नकदी, अक्टूबर 2024 में कर्नाटक के दावणगेरे में 12.95 करोड़ का सोना, और सितंबर 2023 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 7 किलो सोना लूटने की घटनाएं भी इस नेटवर्क से जुड़ी मानी जाती हैं।

वारदात की टाइमलाइन भी साफ है—सुबह 7 बजे बैंक खोलने आए समूह लोन कर्मचारी थोड़ी देर बाद निकल गए। 7:30 बजे सफाईकर्मी पहुंचा और 9 बजे तक सफाई करता रहा। 8:30 से 8:50 के बीच बैंक अफसर आ चुके थे। 8:57 पर पांच लुटेरे हेलमेट पहनकर अंदर घुसे, 9:17 तक सोना-नकदी बैग में भरकर भाग निकले। 9:21 पर पुलिस को कॉल किया गया और 9:30 बजे तक पुलिस मौके पर पहुंच गई।

इस बैंक में 300 से अधिक ग्रामीणों का सोना और करीब 10 लाख नकदी थी, जिसमें से 5 लाख रुपये लुटेरे ले गए। खास बात यह है कि बैंक में पैनिक बटन मौजूद था, लेकिन कर्मचारियों ने डर के कारण उसे नहीं दबाया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बैंक में न तो सुरक्षा गार्ड था और न ही चैनल गेट, जिससे यह घटना संभव हुई।

जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने लुटेरों पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस और क्राइम ब्रांच की कई टीमें आरोपियों को पकड़ने में जुटी हैं। कुछ संदिग्ध हिरासत में हैं और पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी आरोपी गिरफ्त में होंगे।

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