जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
नई उमंग, नया जोश और नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले जबलपुर में पुस्तक मेले की भव्य शुरुआत हुई, जिसने अभिभावकों और छात्रों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। शिक्षा का यह उत्सव न केवल सस्ती किताबों का संगम लेकर आया है, बल्कि पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार पहल भी साबित हो रहा है। शहर के हृदय स्थल पर आयोजित यह मेला प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा, जबकि शनिवार और रविवार को दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक लोग यहां खरीदारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद ले सकेंगे।
आधी कीमत में किताबें, बड़े डिस्काउंट पर यूनिफॉर्म और स्टेशनरी!
शहीद स्मारक में 25 मार्च से शुरू हुए इस मेले में 1800 स्कूलों के लगभग 4 लाख छात्रों के लिए किताबें, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी पर भारी छूट दी जा रही है। जहां पहले स्कूलों की दुकानों से महंगे दामों पर किताबें खरीदनी पड़ती थीं, वहीं अब पेरेंट्स को 50% तक डिस्काउंट मिल रहा है।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के हाथों उद्घाटन के साथ इस मेले की रौनक बढ़ गई। 57 स्टॉलों पर सजी किताबों की बहार ने माता-पिता को बड़ी राहत दी है। एनसीईआरटी की किताबें भी कम दामों में उपलब्ध हैं, जिससे निजी स्कूलों और प्रकाशकों की मिलीभगत पर भी लगाम लगी है।
बता दें, गोलबाजार स्थित शहीद स्मारक परिसर में लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने 12 दिवसीय जिला स्तरीय पुस्तक एवं गणवेश मेले का भव्य शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म, बैग और अन्य शैक्षणिक सामग्री रियायती दरों पर उपलब्ध कराना है, जिससे शिक्षा हर बच्चे के लिए सहज और सुलभ हो सके। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर विधायक अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज, भाजपा नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक गहलोत और संयुक्त संचालक शिक्षा प्राचीश जैन समेत कई अतिथि उपस्थित रहे।
इस दौरान अपने भाषण में मंत्री जी ने कहा— “यह पुस्तक मेला मात्र एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि एक ऐसा कदम है जो शिक्षा को केवल एक व्यापार नहीं, बल्कि सेवा और संस्कार का माध्यम बनाने की ओर अग्रसर है। जबलपुर से शुरू हुई यह पहल अब पूरे प्रदेश के लिए नजीर बन रही है।” उन्होंने कलेक्टर दीपक सक्सेना के प्रयासों की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उनकी सख्त कार्यवाही ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस और प्रकाशकों की मिलीभगत पर लगाम लगाई है। जबलपुर ने शिक्षा माफिया पर पहली बार सख्ती दिखाई और आज यह पुस्तक मेला उसी सुधार का प्रतीक बन चुका है। मंत्री सिंह ने पुस्तक मेले में बुक बैंक स्टॉल की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा— “जब हम पुरानी किताबें दूसरों को दान करते हैं, तो ज्ञान भी साझा होता है। यह पुस्तक मेला केवल किताबों की बिक्री नहीं, बल्कि शिक्षा को एक संस्कार और सेवा बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।”
इसी के साथ आपको बता दें,
इस पुस्तक मेले को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखा गया है। इसे एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक महोत्सव का रूप दिया गया है, जहां किताबों के अलावा करियर काउंसलिंग, बुक बैंक और मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है।
- करियर काउंसलिंग: छात्रों को उनके भविष्य की राह दिखाने के लिए करियर गाइडेंस स्टॉल भी लगाए गए हैं।
- बुक बैंक: छात्र अपनी पुरानी किताबें दान कर सकते हैं, जिससे जरूरतमंदों को फायदा मिलेगा।
- स्कूल यूनिफॉर्म और स्टेशनरी पर 20-50% छूट: पहली से 12वीं तक के छात्रों के लिए यूनिफॉर्म, बैग और अन्य जरूरी सामान भी सस्ते दामों पर उपलब्ध है।
- फूड स्टॉल और झूले: बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले और खान-पान की भी व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा इस मेले में हर दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जी हाँ इस मेले को और खास बनाने के लिए 26 मार्च से 5 अप्रैल तक हर दिन अलग-अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी।
- 26 मार्च: कीर्ति श्रीवास्तव द्वारा मधुर संगीतमय प्रस्तुति।
- 28 मार्च: झील सिंह द्वारा नृत्य और लाइव पेंटिंग का प्रदर्शन।
- 30 मार्च: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर प्रेरणादायक नृत्य।
- 31 मार्च: जबलपुर के ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों पर आधारित कलात्मक प्रस्तुतियां।
- 2 अप्रैल: ‘अयोध्या के राम’ पर विशेष मंचन।
- 5 अप्रैल: लोक नृत्य और सांस्कृतिक समापन समारोह।
बुक बैंक में कितनी किफायती हैं किताबें?
- पहली से पांचवीं कक्षा तक: सिर्फ 50 रुपये में पूरा सेट
- छठवीं से आठवीं कक्षा तक: 100 रुपये में संपूर्ण सेट
- नौवीं एवं दसवीं कक्षा: 150 रुपये में उपलब्ध
- ग्यारहवीं एवं बारहवीं कक्षा: महज 200 रुपये में संपूर्ण सेट
यह राशि जिला रेडक्रॉस सोसायटी के खाते में जमा की जाएगी, जिससे सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया जा सके। बुक बैंक के सुव्यवस्थित संचालन के लिए विद्यालयों और नागरिकों से पुरानी किताबों का संकलन किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंद विद्यार्थियों तक यह सुविधा पहुंचे। कोई भी विद्यार्थी या नागरिक अपनी पिछली कक्षा की किताबें बुक बैंक में दान कर सकता है और इस ज्ञानदान के अभियान में भागीदार बन सकता है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए पुस्तक मेले में विशेष सुविधाएं!
- 50% तक की छूट पर किताबें
- स्कूली यूनिफॉर्म, बैग और स्टेशनरी पर 20-50% तक की छूट
- बुक बैंक – जरूरतमंद विद्यार्थियों को सस्ती दरों पर किताबें
- एनसीईआरटी की किताबें बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध
- प्रतिदिन सांस्कृतिक और प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन