अंदर खड़गे-वेणुगोपाल ने सिखाई रणनीति, बाहर नाराज कार्यकर्ताओं ने दिया धरना: दिल्ली में इंदौर ग्रामीण जिला अध्यक्ष पर बवाल, कार्यकर्ता बोले – बाहरी जिले से आए नेता को जिम्मा देना अनुचित!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए नियुक्त 71 जिला अध्यक्ष रविवार को दिल्ली पहुंचे, जहाँ ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के नए मुख्यालय में उनकी पहली ट्रेनिंग वर्कशॉप हुई। अंदर नेताओं को संगठन मजबूत करने की रणनीति सिखाई जा रही थी, वहीं बाहर विरोध प्रदर्शन ने पार्टी नेतृत्व को असहज कर दिया।

अंदर सीख, बाहर नाराजगी

दिल्ली स्थित कोटला रोड के नए AICC दफ्तर में सुबह से ही प्रशिक्षण का सत्र चला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए जिला अध्यक्षों को संगठन की बारीकियाँ समझाते हुए अगले तीन महीनों में जिले और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी खड़ी करने का टारगेट दिया। संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी जिलाध्यक्षों को दिशा-निर्देश दिए।

लेकिन दफ्तर के बाहर माहौल बिल्कुल उलट रहा। खासकर इंदौर ग्रामीण जिला अध्यक्ष विपिन वानखेड़े की नियुक्ति को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। देपालपुर से आए कार्यकर्ता दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए और वानखेड़े को हटाने की मांग की। उनका आरोप था कि इंदौर जिले में बाहरी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि संगठन को स्थानीय कार्यकर्ताओं के भरोसे चलना चाहिए। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बाहरी जिले से आए नेता को इंदौर ग्रामीण का जिम्मा देना अनुचित है।

राहुल गांधी देंगे कैडर मैनेजमेंट पर टिप्स

इस विशेष ट्रेनिंग सेशन में संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी जिला अध्यक्षों से संवाद किया और उन्हें तीन महीने की समय सीमा के भीतर ब्लॉक और जिला स्तर पर नई टीम गठित करने का लक्ष्य सौंपा। वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आगामी सेशंस में कैडर मैनेजमेंट और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बढ़ाने की तकनीक पर जिला अध्यक्षों को विशेष सुझाव देंगे।

तीन महीनों में टीम गठन का लक्ष्य

पूर्व आईएएस और कांग्रेस ट्रेनिंग डिपार्टमेंट से जुड़े शशिकांत सेंथिल ने “संगठन सृजन अभियान” पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार पारदर्शी प्रक्रिया के तहत नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है, उसी तर्ज पर उन्हें अपनी जिला और ब्लॉक स्तर की टीम बनानी होगी। जिला अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि आने वाले तीन महीनों में जिले की कार्यकारिणी, ब्लॉक स्तर की समितियां और मंडलम-सेक्टर स्तर तक की टीमें गठित करनी होंगी।

शनिवार को वर्कशॉप शुरू होने से पहले सभी जिला अध्यक्षों ने AICC के नए हेडक्वार्टर का दौरा किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने जिलाध्यक्षों को कार्यालय की कार्यप्रणाली से परिचित कराया। शाम को सभी जिला अध्यक्षों के सम्मान में हरीश चौधरी की ओर से डिनर का आयोजन भी किया गया।

सुबह से शाम तक 9 घंटे चली पहली वर्कशॉप

रविवार को आयोजित पहली ट्रेनिंग सुबह 9:30 बजे शुरू हुई और शाम 7 बजे तक चली। दिनभर चले इस मैराथन सत्र में संगठन निर्माण की रणनीति, जिलों में कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय और आगामी चुनावी चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की गई।

विरोध के साये में ट्रेनिंग

16 अगस्त को जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद से ही कई जिलों में असंतोष सामने आ रहा था। अब वह विरोध दिल्ली तक पहुँच गया है। इंदौर ग्रामीण की नियुक्ति को लेकर सबसे ज्यादा आपत्ति जताई जा रही है। विरोधियों का कहना है कि नए नेतृत्व की शुरुआत पारदर्शिता और स्थानीय संतुलन से होनी चाहिए, न कि थोपे गए निर्णयों से।

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