जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश अब केवल खेती-किसानी तक सीमित राज्य नहीं रहा, बल्कि यह देश का नया उद्योग, तकनीकी और इनोवेशन हब बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को बेंगलुरु में आयोजित ‘इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश’ में देश-विदेश के सैकड़ों निवेशकों के साथ संवाद कर उन्हें प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इस विशेष आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों के 250 से अधिक उद्योगपतियों ने भाग लिया और 7935 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की घोषणा की गई, जिससे प्रदेश में लगभग 18,975 नए रोजगार सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “मेड इन इंडिया” की अवधारणा आज पूरी दुनिया में प्रभावी हो रही है और मध्यप्रदेश इसकी दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने नई उद्योग-केन्द्रित नीतियों को लागू करते हुए सभी जिलों में उद्योग प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं। उद्योग लगाने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है, साथ ही निवेशकों को मुख्यमंत्री स्तर पर भी सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि राज्य में पर्याप्त लैंड बैंक, बिजली और पानी की व्यवस्था पहले से मौजूद है, जिससे उद्योगों की स्थापना में कोई बाधा नहीं आएगी। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि उन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा भी करती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार ने उद्योगों और एमएसएमई को 5260 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की है।
इस संवाद सत्र में टेक्सटाइल, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, माइनिंग, डेयरी, रिन्यूएबल एनर्जी, हॉस्पिटैलिटी, रेलवे मैन्युफैक्चरिंग और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों की अपार संभावनाओं को निवेशकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में टेक्सटाइल के क्षेत्र में धार में पीएम मित्रा पार्क, आईटी क्षेत्र में इंदौर, उज्जैन और रीवा में नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। उज्जैन में आगामी 5 जून 2025 को ‘स्पिरिच्युअल एंड वेलनेस समिट’ का आयोजन किया जाएगा, जिससे धार्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को रायसेन जिले के उमरिया गांव में 148 एकड़ भूमि का आवंटन पत्र सौंपा गया, जहां 1800 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक रेल कोच निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि इस परियोजना का भूमि पूजन एक माह में किया जाएगा और इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर खुलेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म” मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है और मध्यप्रदेश इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बेंगलुरु में दूसरी बार आयोजित इस रोड शो को बेहद सफल बताते हुए कहा कि इस संवाद से निवेश और औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिली है।
इंटरैक्टिव सेशन में टेक्सटाइल सेक्टर से बेस्ट कॉर्पोरेशन के एमडी आर. राजकुमार, नॉइज समूह के डायरेक्टर मनीष चौहान, आईटी सेक्टर से एएनएसआर के सीईओ ललित आहूजा, ओरेकल की नेशनल हेड अश्लेशा खान्देपरकर, लैप इंडिया के एमडी सुमित मिश्रा, हिन्दुस्तान कोका कोला के सीईओ हर्ष भूटानी, रॉयल ऑर्केड होटल्स के एमडी चंदेर बालजी और अन्य प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से वन-टू-वन चर्चा की। इन प्रतिनिधियों ने प्रदेश की नीतियों, संसाधनों और व्यावसायिक माहौल की खुलकर सराहना की।
सेशन में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी श्री आशीष वशिष्ठ ने बताया कि जब पारंपरिक टेक्नोलॉजी हब जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु लागत और संसाधन की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे शहर तकनीकी नवाचार के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में प्रशिक्षित प्रतिभा, कम लागत और सरकार का पूरा सहयोग निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रहा है।
वहीं, पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक इलैयाराजा टी ने प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि कैसे मध्यप्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन और निवेश गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस नीति में पर्यटन से जुड़े नवाचारों, ईको-टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन और हेल्थ वेलनेस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर की गई स्ट्राइक का भी उल्लेख किया और प्रधानमंत्री मोदी तथा भारतीय सेना के शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब प्रतिक्रिया नहीं, प्रतिशोध की नीति पर काम करता है। उन्होंने बताया कि कैसे तीन स्ट्राइक में पाकिस्तान को सबक सिखाया गया और भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं का विश्व में डंका बजा दिया।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि “जो एक बार मध्यप्रदेश आता है, वह यहीं का होकर रह जाता है।” उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश देश का सबसे प्रमुख निवेश केंद्र और आर्थिक शक्ति बनेगा।