भारत की खुफिया एजेंसी RAW को मिला नया प्रमुख, पराग जैन बने RAW के नए चीफ; बालाकोट से अनुच्छेद 370 तक निभाई अहम भूमिका!

You are currently viewing भारत की खुफिया एजेंसी RAW को मिला नया प्रमुख, पराग जैन बने RAW के नए चीफ; बालाकोट से अनुच्छेद 370 तक निभाई अहम भूमिका!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारत सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए 1989 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को देश की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया है। पराग जैन दो साल तक इस पद पर रहेंगे। वे मौजूदा RAW चीफ रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जो 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। इस तरह भारत की खुफिया दुनिया में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

पराग जैन लंबे समय से RAW के साथ जुड़े हैं। उन्होंने RAW के पूर्व चीफ सामंत गोयल के साथ मिलकर कई बेहद संवेदनशील मिशन पर काम किया है। पराग जैन पाकिस्तान डेस्क की जिम्मेदारी भी संभालते रहे हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के ऐतिहासिक फैसले और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे ऑपरेशन में भी उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर अहम भूमिका निभाई थी। यही नहीं, वे एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के भी मुखिया हैं। ARC के जरिए उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी शिविरों की सटीक पहचान की गई थी।

पंजाब में अपनी ड्यूटी के दौरान पराग जैन आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए भी खासे चर्चित रहे। वे एसएसपी चंडीगढ़ और डीआईजी लुधियाना भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं, पराग जैन ने कनाडा और श्रीलंका में भारतीय मिशनों में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है। कनाडा में तैनाती के दौरान उन्होंने खालिस्तान समर्थक नेटवर्क को बेनकाब करने में बड़ी भूमिका निभाई थी, जो उस समय एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी गई।

वहीं मौजूदा RAW चीफ रवि सिन्हा की बात करें तो उन्होंने पिछले साल यानी 30 जून 2023 को RAW की कमान संभाली थी। रवि सिन्हा 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं और छत्तीसगढ़ कैडर से आते हैं। मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले सिन्हा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की और फिर UPSC की परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा में आए। पहले वे मध्यप्रदेश कैडर में थे, लेकिन साल 2000 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ का गठन किया, तब वे तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ कैडर में चले गए। रवि सिन्हा को ‘ऑपरेशन मैन’ भी कहा जाता है। वे गुप्त तरीके से मिशन अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं।

बता दें, भारत की खुफिया एजेंसी RAW की स्थापना 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुई थी। इसके पहले चीफ आरएन काव थे, जिन्हें ‘भारत का मास्टरस्पाई’ भी कहा जाता है। काव ने लगभग दस वर्षों तक RAW के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। 1976 में इंदिरा गांधी ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया और बाद में उन्हें कैबिनेट का सुरक्षा सलाहकार भी बनाया गया। वे प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी अंतरराष्ट्रीय खुफिया मामलों में सलाह देते रहे।

Leave a Reply