जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत के स्वर्ण योद्धा नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग 2025 में अपने करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जेवलिन थ्रो में 90.23 मीटर का जबरदस्त थ्रो फेंका। पहले प्रयास में उन्होंने 88.44 मीटर का शानदार आगाज़ किया, जबकि दूसरा थ्रो फाउल रहा। लेकिन तीसरे प्रयास में नीरज ने वो कर दिखाया जिसका इंतज़ार पूरे देश को था – उन्होंने अपना पर्सनल बेस्ट ब्रेक करते हुए 90.23 मीटर की दूरी तय की। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर था, जो उन्होंने 2022 की डायमंड लीग में किया था।
हालांकि इस ऐतिहासिक थ्रो के बावजूद नीरज को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा, क्योंकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने आखिरी प्रयास में 91.06 मीटर थ्रो कर पहला स्थान हासिल कर लिया। तीसरे स्थान पर ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन रहे, जिन्होंने 85.64 मीटर का थ्रो फेंका।
नीरज के इस गौरवशाली प्रदर्शन पर देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बधाई देते हुए लिखा – “भारत खुश और गौरवान्वित है! दोहा डायमंड लीग 2025 में 90 मीटर पार कर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ हासिल करने के लिए नीरज चोपड़ा को ढेरों बधाई। ये उनके समर्पण, अनुशासन और जुनून का परिणाम है।”
नीरज चोपड़ा अब जेवलिन थ्रो इतिहास में 90 मीटर से अधिक स्कोर करने वाले तीसरे एशियाई एथलीट बन चुके हैं। इससे पहले पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर और चीनी ताइपे के चाओ-त्सुन चेंग ने 91.36 मीटर थ्रो किया था। विश्व स्तर पर नीरज अब 90 मीटर क्लब में शामिल होने वाले 25वें खिलाड़ी हैं।
लेकिन ये सफर आसान नहीं था। 2024 के डायमंड लीग फाइनल में नीरज महज़ 1 सेंटीमीटर से गोल्ड मेडल से चूक गए थे, जब ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन ने 87.87 मीटर का थ्रो फेंका था और नीरज ने 87.86 मीटर का। लेकिन इस बार उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया और इतिहास में खुद को अमर कर दिया।
इसके अलावा भारतीय एथलीट गुलवीर सिंह ने 5000 मीटर रेस में 13:24.32 मिनट के साथ नौवां स्थान और पारुल चौधरी ने 3000 मीटर स्टेपलचेज में 9:13.39 मिनट के साथ छठा स्थान हासिल किया।
अब बात करते हैं डायमंड लीग की – ये कोई सामान्य टूर्नामेंट नहीं, बल्कि वर्ल्ड एथलेटिक्स का एक प्रीमियम ट्रैक और फील्ड इवेंट है। हर साल मई से सितंबर तक दुनिया के कई बड़े शहरों में इसका आयोजन होता है। हर प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को पॉइंट्स मिलते हैं और फाइनल तक टॉप-10 में पहुंचने वाले एथलीट ही ट्रॉफी के लिए क्वालिफाई करते हैं।
नीरज चोपड़ा अब न केवल भारत, बल्कि एशिया की उम्मीद बनकर उभरे हैं। उनके इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि ओलंपिक 2024 पेरिस में भारत के पास एक और गोल्ड का सुनहरा मौका है।