जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई बड़ी एयरस्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। देश के 7 राज्यों में स्थित 11 अहम एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट ऑपरेशन पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। इनमें श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, बीकानेर, जोधपुर, राजकोट, धर्मशाला, अमृतसर, भुज और जामनगर जैसे बॉर्डर से लगे संवेदनशील एयरपोर्ट्स शामिल हैं।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की तरफ से संभावित जवाबी कार्रवाई का खतरा बना हुआ है। सरकार ने इस फैसले को “एहतियात के तौर पर किया गया राष्ट्रीय सुरक्षा का कदम” बताया है।
सिर्फ एयर ट्रैवल ही नहीं, ज़मीन पर भी तनाव साफ़ देखा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई ज़िलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। करतारपुर कॉरिडोर, जहाँ से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाते थे, उसे भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
एयरलाइंस की बड़ी घोषणाएं: फ्लाइट्स कैंसिल, एडवाइजरी और रिफंड
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Air India ने जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट के लिए सभी फ्लाइट्स 10 मई की सुबह 05:29 बजे तक रद्द कर दी हैं। यात्रियों को बुकिंग रिशेड्यूल या फुल रिफंड का विकल्प मिलेगा।
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IndiGo ने 11 शहरों के लिए उड़ानें 10 मई तक स्थगित की हैं—इनमें ग्वालियर, किशनगढ़ और धर्मशाला जैसे शहर भी शामिल हैं। कुल 165 डोमेस्टिक फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं।
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SpiceJet ने लेह, श्रीनगर, जम्मू, कांगड़ा, कांडला और अमृतसर के लिए 7 मई तक की उड़ानें रद्द कर दी हैं। यात्रियों को एयरपोर्ट जाने से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह दी गई है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। बम डिटेक्शन यूनिट, स्निफर डॉग्स और सीसीटीवी की निगरानी बढ़ा दी गई है। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात में भी हाई अलर्ट है। इस सुरक्षा सख्ती का असर IPL 2025 पर भी पड़ा है। धर्मशाला एयरपोर्ट के बंद होने के कारण मुंबई इंडियंस की टीम को धर्मशाला पहुंचने में देरी हो रही है, जहाँ उन्हें 11 मई को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच खेलना है। टीम को अब सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ सकती है।
भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। सरकार की ओर से लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। हालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन भारत के नागरिकों में सुरक्षा बलों पर गहरा विश्वास और प्रधानमंत्री की रणनीति पर भरोसा बना हुआ है।