जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
शिवपुरी जिले के भौंती थाना क्षेत्र के चंदावनी गांव में रविवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहाँ रिटायर्ड डीएसपी प्रतिपाल सिंह यादव (62 वर्ष) के साथ उनकी ही पत्नी और दो बेटों ने मारपीट की, पैर रस्सी से बांधे और घर में घसीटा। इस दौरान एक बेटा उनके सीने पर बैठ गया, जबकि दूसरा पैर पकड़कर खींचता रहा। शोरगुल सुनकर पड़ोसी बचाने पहुंचे तो तीनों उनका मोबाइल और एटीएम कार्ड छीनकर मौके से भाग निकले।
घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड अधिकारी के साथ हो रही मारपीट साफ दिखाई दे रही है।
15 साल से परिवार से अलग रह रहे रिटायर्ड डीएसपी
प्रतिपाल सिंह यादव ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि वे पिछले 15 साल से पत्नी और बेटों से अलग रह रहे हैं। उनकी पत्नी माया यादव झांसी में दोनों बेटों – आकाश और आभास – के साथ रहती हैं। वहीं, बेटी गोरखपुर में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।
बीते 31 मार्च 2024 को वे श्योपुर जिले के महिला सेल में डीएसपी पद से रिटायर हुए थे। हाल ही में उन्हें रिटायरमेंट पर 20 लाख रुपए ईपीएफ के मिले हैं और ग्रेच्युटी समेत 33 लाख रुपए और मिलना बाकी है।
पैसों को लेकर हुआ विवाद
रिटायर्ड डीएसपी ने बताया कि 20 अगस्त को पत्नी और दोनों बेटे गांव आए और उनसे रिटायरमेंट की राशि में हिस्सा देने की मांग की। जब उन्होंने इस पर सवाल किया तो बेटों ने उन्हें झांसी चलने के लिए दबाव बनाया।
प्रतिपाल के मुताबिक, “जब मैंने झांसी जाने से इनकार किया तो उन्होंने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। एक बेटे ने मेरे पैर पकड़े, दूसरे ने सीने पर बैठकर दबोच लिया और पत्नी ने मोबाइल व एटीएम कार्ड निकाल लिए। इसके बाद वे मुझे जबरन झांसी ले जाने की कोशिश करने लगे। शोर सुनकर पड़ोसी आए तो तीनों भाग निकले।”
FIR दर्ज नहीं कराना चाहते पिता
हालांकि घटना के बाद रिटायर्ड डीएसपी ने थाना प्रभारी को आवेदन दिया है, लेकिन वे अपने बेटों पर FIR दर्ज कराने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है –
“मैं अपने बेटों का भविष्य खराब नहीं करना चाहता। बड़े बेटे को 5 लाख और छोटे बेटे को 15 लाख देने का पहले ही वादा किया था। बेटी की शादी भी करनी है, इसलिए विवाद और बढ़ाना नहीं चाहता।”
पुलिस कर रही है जांच
भौंती थाना प्रभारी के अनुसार, आवेदन मिलने के बाद घटना की जांच शुरू कर दी गई है। मारपीट और एटीएम-फोन छीनने के वीडियो की भी जांच की जा रही है। फिलहाल मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, क्योंकि पीड़ित ने लिखित रूप से अपने बेटों पर केस दर्ज कराने से इनकार किया है।
प्रतिपाल सिंह यादव ने 30 से अधिक वर्षों तक पुलिस विभाग में सेवा दी। श्योपुर में महिला सेल में उनकी कार्यशैली को लेकर अच्छा रिकॉर्ड रहा है। लेकिन रिटायरमेंट के बाद पारिवारिक कलह और पैसों के विवाद ने उनकी जिंदगी में तनाव बढ़ा दिया है।