जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव लाने वाले फैसले मोहन कैबिनेट की ताज़ा बैठक में लिए गए। मंगलवार को विधानसभा परिसर में आयोजित इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कई बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका सीधा असर प्रदेश के नवगठित जिलों, स्वास्थ्य सुविधाओं और ऊर्जा सेक्टर पर पड़ेगा।
बैठक का सबसे अहम फैसला नवगठित जिलों मऊगंज और पांढुर्णा को लेकर रहा। कैबिनेट ने दोनों जिलों में भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालयों के निर्माण के लिए सरकारी ज़मीन आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मऊगंज जिला मुख्यालय में राजस्व विभाग की ज़मीन से 0.100 हेक्टेयर भूमि और पांढुर्णा में भी कार्यालय निर्माण हेतु जमीन आवंटित की गई है। यह फैसला न सिर्फ़ बीजेपी के सांगठनिक ढांचे को जमीनी मजबूती देगा, बल्कि राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट करता है कि पार्टी प्रशासनिक पुनर्गठन के हर स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी एक बड़ी पहल करते हुए कैबिनेट ने जबलपुर के रांझी तहसील के रिछाई गांव में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के लिए 100 बिस्तरों वाले अस्पताल हेतु पांच एकड़ भूमि देने का फैसला लिया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले इस अस्पताल से सरकारी कर्मचारियों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि यह अस्पताल केंद्र और राज्य की साझेदारी में बनेगा, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में भी इजाफा होगा।
ऊर्जा के मोर्चे पर भी कैबिनेट ने एक महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दी है। मुरैना में 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा और भंडारण परियोजना के लिए राज्य सरकार गारंटी देने को तैयार हो गई है, ताकि परियोजना से उत्पादित बिजली को मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड खरीदे और उसके भुगतान को लेकर किसी प्रकार की बाधा न आए। यह कदम प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाने की मंशा को दर्शाता है।
इन फैसलों के अलावा कैबिनेट ने मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के चौथे चरण को भी मंजूरी दी है। इससे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति मिलेगी। वहीं, भोपाल में सहकारिता आयुक्त और पंजीयक सहकारी संस्थाएं के तहत एक पीएमयू सेल के गठन को भी हरी झंडी मिल गई है।
बैठक में सात पुलिस कर्मचारियों और पेंशन से जुड़े मामलों पर भी विस्तार से चर्चा की गई और प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।