बार-बार सिरदर्द को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी – ये संकेत हो सकते हैं गंभीर बीमारी के!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

हममें से ज्यादातर लोग सिरदर्द को सामान्य मानते हैं – थकान, नींद की कमी या तनाव का परिणाम सोचकर पेनकिलर लेकर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन अगर ये सिरदर्द बार-बार हो रहा है, एक जैसे पैटर्न में लौट रहा है या सामान्य दवाइयों से भी नहीं ठीक हो रहा, तो यह एक चेतावनी हो सकता है कि आपके शरीर के भीतर कुछ गंभीर चल रहा है। यह सिर्फ एक मामूली तकलीफ नहीं, बल्कि किसी बड़ी बीमारी की आहट हो सकती है।

सिरदर्द, शरीर का वह साइलेंट अलार्म है जिसे हम अकसर अनसुना कर देते हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर, माईग्रेन, साइनस इंफेक्शन, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, या यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर तक का संकेत हो सकता है। चलिए जानते हैं कि किन खतरनाक बीमारियों के बारे में सिरदर्द हमें पहले ही इशारा देता है, और इन्हें कैसे पहचानें:

1. हाई ब्लड प्रेशर:
अगर आपको सिर के पीछे भारीपन, माथे में दबाव या चक्कर जैसा महसूस होता है, तो यह हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण हो सकता है। कई बार यह दर्द सामान्य थकान लग सकता है, लेकिन अगर ब्लड प्रेशर लगातार अनियंत्रित है तो यह ब्रेन स्ट्रोक तक का कारण बन सकता है। खासकर अगर आपको धुंधला दिखना या बेहोशी जैसा लग रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

2. माइग्रेन:
सिर के एक तरफ तेज़, धड़कता हुआ दर्द… साथ में मतली, उल्टी, रोशनी या आवाज से परेशानी – ये माइग्रेन के क्लासिक लक्षण हैं। यह सामान्य सिरदर्द नहीं है, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। माइग्रेन का दर्द इतना तीव्र हो सकता है कि व्यक्ति सामान्य दिनचर्या भी नहीं निभा पाता। इसका इलाज जरूरी है, नहीं तो यह समय के साथ और गंभीर रूप ले सकता है।

3. साइनस इंफेक्शन:
अगर सिरदर्द के साथ नाक बंद, आंखों के आसपास दबाव, चेहरे पर सूजन या सिर झुकाने पर दर्द बढ़ता है, तो यह साइनस का लक्षण हो सकता है। एलर्जी या बैक्टीरिया से फैला यह संक्रमण न सिर्फ तकलीफदेह होता है, बल्कि लंबे समय तक इलाज न होने पर यह सर्जरी तक ले जा सकता है।

4. ब्रेन ट्यूमर या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर:
अगर सिरदर्द लगातार बना रहता है, असहनीय हो और सामान्य पेनकिलर से भी न रुके, तो यह ब्रेन ट्यूमर जैसी खतरनाक समस्या का इशारा हो सकता है। इसके साथ उल्टी, दौरे आना, देखने में दिक्कत या बोलने में परेशानी जैसे लक्षण हों, तो एमआरआई या सीटी स्कैन तुरंत करवाना चाहिए।

5. सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस:
आज के डिजिटल युग में घंटों गलत पोजिशन में बैठना, मोबाइल-लैपटॉप पर झुके रहना हमारे शरीर को गहरी चोट दे रहा है। गर्दन की नसों में खिंचाव, जो सिरदर्द का कारण बनता है, सर्वाइकल की निशानी हो सकता है। अगर गर्दन से शुरू होकर सिर तक दर्द जाता है और हिलाने पर यह तेज हो जाता है, तो यह साफ संकेत है कि सर्वाइकल की जांच जरूरी है।

निष्कर्ष:
हर सिरदर्द को मामूली समझना सबसे बड़ी गलती हो सकती है। यह शरीर की ओर से भेजा गया एक संकेत है, जिसे समय रहते समझना और जांच करवाना बेहद जरूरी है। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है। वरना वही सिरदर्द एक दिन बड़ा खतरा बन सकता है।

(Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी लक्षण के आधार पर स्वयं इलाज करने की बजाय संबंधित विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हम इस लेख में दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करते ।)

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