जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
आज महाकुंभ का 40वां दिन है और आस्था चरम पर है। साथ ही, शुक्रवार को अंतिम वीकेंड होने के कारण श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। जी हाँ, 58.87 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अब तक संगम में डुबकी लगा चुके हैं और आज ही 35 से ज्यादा VIP गंगा स्नान करने पहुंचे हैं। दोपहर 2 बजे तक 84.41 लाख से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रयागराज के हर प्रवेश द्वार पर भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे शहर के अंदर और बाहर भीषण जाम की स्थिति बनी हुई है। 500 मीटर की दूरी तय करने में लोगों को दो घंटे तक लग रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से जुड़े अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को इस तरह तैयार किया जाए कि श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े और उनकी यात्रा सुगम बनी रहे। इसी बीच भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए हैं। प्रयागराज में 8वीं तक की स्कूल कक्षाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं और भीड़ को देखते हुए 28 फरवरी तक 8 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि 4 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। VIP मूवमेंट को लेकर भी सख्त नियम लागू किए गए हैं—सिर्फ प्रयागराज की रजिस्टर्ड गाड़ियों (UP-70) को ही शहर में प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि बाकी वाहनों को बाहरी पार्किंग में रोक दिया गया है।
बता दें, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और कहा—”जब तक सूरज-चांद रहेगा, तब तक सनातन धर्म रहेगा। यह सिर्फ नदियों का संगम नहीं, बल्कि करोड़ों संतों की आस्था, अध्यात्म और विरासत का संगम है। महाकुंभ मनुष्य को महादेव से जोड़ने वाला दिव्य सेतु है!”
वहीं, आगामी महाशिवरात्रि के पर्व को देखते हुए DGP प्रशांत कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की। 26 फरवरी को होने वाले अंतिम शाही स्नान की तैयारियों को लेकर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को मजबूत किया जा रहा है। भले ही महाकुंभ अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है, लेकिन आस्था का यह महासंगम हर दिन एक नया अध्याय लिख रहा है। महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान के साथ यह आध्यात्मिक यात्रा संपन्न होगी, लेकिन इसकी गूंज सनातन संस्कृति में युगों-युगों तक गूंजती रहेगी!