जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की महिलाओं और बच्चों के कल्याण को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक के बाद एक कई बड़े ऐलान किए हैं, जिनका सीधा असर लाखों महिलाओं, बच्चों और कामकाजी परिवारों पर पड़ेगा। मंत्रालय में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के हर शहर में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे बिना किसी असुरक्षा और असुविधा के आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें।
डॉ. यादव ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत संचालित “सखी-निवास” योजना का विस्तार प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाए, जहां महिलाओं की संख्या अधिक है। साथ ही महिलाओं और बालिकाओं के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन कार्यक्रम तेजी से चलाए जाएं, जिससे उनका आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शारीरिक विकास को लेकर महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और आयुष विभाग को मिलकर समन्वित कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन अब केवल शासकीय भवनों में ही किया जाए, और इसके लिए पंचायत, शिक्षा, जनजातीय कार्य और नगरीय विकास विभागों के भवनों का इस्तेमाल किया जाए।
बैठक में कुपोषण मुक्त झाबुआ के लिए शुरू किए गए “मोटी आई” अभियान पर बनी लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई, जिसे मुख्यमंत्री ने अनुकरणीय नवाचार बताया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि आंगनवाड़ियों में पूरक पोषण आहार की आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिए अगले एक महीने में एक ठोस कार्य योजना पेश की जाए। उन्होंने विशेष रूप से प्रोटीन युक्त आहार, चना और दूध की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया, जिससे गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी संपूर्ण पोषण मिल सके।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने मंदिरों में मौजूद संसाधनों, सामाजिक संस्थाओं और निजी औद्योगिक इकाइयों को भी आंगनवाड़ियों के उन्नयन में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं के अस्थायी ठहराव की व्यवस्था को सुदूरवर्ती इलाकों में लागू करने का भी निर्देश दिया।
एक और चौंकाने वाला और प्रेरणादायक खुलासा यह हुआ कि प्रदेश के 57 वन स्टॉप सेंटरों के माध्यम से वर्ष 2024-25 में 31,726 हिंसा पीड़ित महिलाओं को मदद दी गई और महिला हेल्पलाइन-181 से 82,552 महिलाओं की सहायता की गई। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत अब तक 58 लाख 70 हजार गर्भवती महिलाओं को 1,878 करोड़ रुपये की राशि मजदूरी हानि की क्षतिपूर्ति के रूप में दी जा चुकी है।
सशक्त वाहिनी नवाचार के तहत 11,321 युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 156 युवतियां शासकीय विभागों में चयनित भी हुईं। साथ ही, बैठक में मिशन वात्सल्य, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन, “पोषण भी पढ़ाई भी”, लाडली लक्ष्मी योजना और लाडली बहना योजना की भी गहन समीक्षा की गई।