जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की पढ़ाई, स्कूल की व्यवस्थाओं और शिक्षकों के कामकाज की निगरानी के लिए एक नया और अत्याधुनिक “एजुकेशन पोर्टल 3.0” तैयार किया है। यह पोर्टल 1 अप्रैल 2025 से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस प्लेटफॉर्म की खास बात यह है कि यह हर स्कूल, हर विद्यार्थी और हर शिक्षक की जानकारी को डिजिटल रूप से एक ही जगह रिकॉर्ड करता है, जिससे योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और समय-समय पर समीक्षा करना आसान हो गया है।
विद्यार्थियों का डिजिटल प्रवेश अब हुआ आसान
इस साल से प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों के नए प्रवेश एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से किए जा रहे हैं। इसके लिए एक खास स्टूडेंट डायरेक्ट्री मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया है। इसमें पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संभावित सूची स्कूलों को उनके गांव और बस्ती के अनुसार दी गई है।
अब स्कूल के शिक्षक या प्रभारी इन बच्चों के माता-पिता से संपर्क कर बिना किसी परेशानी के बच्चों को स्कूल में दाखिला दिला सकेंगे। खास बात ये है कि अगर किसी के पास दाखिले के समय जरूरी दस्तावेज नहीं भी हैं, तब भी बच्चे को दाखिला देने से रोका नहीं जाएगा। सभी स्कूलों और शिक्षकों को इस पोर्टल का उपयोग करने के लिए लॉगइन आईडी दी गई है।
अब कक्षा में पदोन्नति भी पोर्टल से
जो बच्चे पहले से स्कूल में पढ़ रहे हैं, उन्हें अगली कक्षा में पदोन्नत करने की प्रक्रिया भी अब पोर्टल से की जा रही है। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों की जानकारी पहले से पोर्टल पर उपलब्ध है, और परीक्षा के बाद उन्हें स्वतः अगली कक्षा में चढ़ा दिया जाएगा।
कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए शिक्षक को परीक्षा का परिणाम और प्रतिशत दर्ज करना होगा, जिसके बाद वह बच्चा अगली कक्षा में पोर्टल पर अपने आप प्रवेशित हो जाएगा।
जहाँ किसी स्कूल में अगली कक्षा उपलब्ध नहीं है (जैसे- किसी स्कूल में कक्षा 6 या 9 नहीं है), वहां पुराने स्कूल के प्राचार्य या शिक्षक नजदीकी स्कूल में ऑनलाइन दाखिला कराने में मदद करेंगे। ऐसी स्थिति में दोनों स्कूलों को पोर्टल पर जानकारी साझा की जाएगी और छात्र का ट्रांसफर ऑनलाइन ही हो जाएगा।
सभी बोर्ड और स्कूल अब एक मंच पर
एजुकेशन पोर्टल 3.0 न सिर्फ सरकारी स्कूलों के लिए, बल्कि सभी तरह के स्कूलों जैसे प्राइवेट स्कूल, मदरसा, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि के लिए भी उपलब्ध है। सभी स्कूलों को अपने यूडीआईएसई कोड के जरिए लॉगइन कर विद्यार्थियों की जानकारी दर्ज करनी होगी। पोर्टल की मदद से यह भी पता लगाया जाएगा कि किस बच्चे ने अगले साल स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है या उसकी कक्षोन्नति नहीं हुई है। ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह काम शैक्षणिक सत्र के शुरुआती दो महीनों में ही कर लिया जाएगा।