जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मुख्यमंत्री निवास समत्व में एक ऐतिहासिक क्षण उस समय दर्ज हुआ, जब फ्रांस और भारत के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग को नई दिशा देने के उद्देश्य से एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस महत्वपूर्ण समझौते ने न केवल मध्यप्रदेश को भारत-फ्रांस सांस्कृतिक संबंधों का प्रमुख केंद्र बना दिया है, बल्कि इसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी और मजबूती से स्थापित करने की नींव रख दी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में हुए इस समझौते पर भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ, मध्यप्रदेश के पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला तथा अलायंस फ्रांसेज़ डी भोपाल के अध्यक्ष श्री अखिलेश वर्मा ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता अगले तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा और आपसी सहमति से इसे आगे भी बढ़ाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि भारत और फ्रांस के संबंध ऐतिहासिक रूप से सदैव सौहार्दपूर्ण और सहयोगपूर्ण रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हालिया फ्रांस यात्रा के बाद इन संबंधों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी आगामी यात्रा भी फ्रांस के लिए प्रस्तावित है, जिसमें औद्योगिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को विस्तार देने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय बैठकें की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता ज्ञापन मध्यप्रदेश को देश की सांस्कृतिक राजधानी के साथ-साथ एक वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस MoU के अंतर्गत दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन किया जाएगा, जिनमें कला उत्सव, संगीत-नृत्य प्रस्तुतियाँ, प्रदर्शनियाँ, फिल्म स्क्रीनिंग्स, पारंपरिक खानपान उत्सव और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होंगी। हर वर्ष एक इंडो-फ्रेंच सांस्कृतिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा, जिसमें दोनों देशों की सांस्कृतिक साझेदारी को संरचित और योजनाबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार फ्रांस से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण योजनाएँ बनाएगी। प्रदेश की पर्यटन प्रचार सामग्री को फ्रेंच भाषा में अनूदित किया जाएगा, ताकि फ्रांसीसी नागरिकों को मध्यप्रदेश की समृद्ध विरासत और विविधता को बेहतर तरीके से समझाया जा सके। साथ ही, पर्यटन विभाग के अधिकारियों और गाइड्स को फ्रेंच भाषा एवं फ्रांसीसी संस्कृति का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे पर्यटकों को एक अनुकूल और आकर्षक अनुभव मिल सके।
इस साझेदारी से स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों, सांस्कृतिक संगठनों, और छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। यह मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक कूटनीति को नई ऊंचाई प्रदान करेगा, और प्रदेश को कला, हस्तशिल्प, संगीत, फिल्म और लोकपरंपराओं के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाएगा।
इस अवसर पर भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश सरकार के साथ इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और पर्यटन साझेदारी की शुरुआत करके बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा, “यह समझौता भारत और फ्रांस के बीच कला, शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। फ्रांस विशेष रूप से शिक्षा, पर्यावरण, सुरक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में काम करता है, और यह साझेदारी इन सभी पहलुओं को एक नई गति देगी।”
समझौते के दौरान कई अतिथि उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख सचिव उद्योग राघवेंद्र कुमार सिंह, फ्रांस के कौंसुल जनरल जीन-मार्क सेरे-शार्ले, फ्रांसीसी दूतावास के राजनीतिक परामर्शदाता शाद जॉयनाल आबेदीन और अलायंस फ्रांसेज़ के प्रतिनिधि शामिल थे।