जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए यह साल खुशियों की सौगात लेकर आया है। राज्य सरकार ने बहुप्रतीक्षित घोषणा करते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2025 से सभी भत्तों का पुनरीक्षण 7वें वेतनमान के अनुसार किया जाएगा। इस घोषणा से कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह और खुशी का माहौल है। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए यह बड़ी घोषणा की। यह फैसला उन लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, जो लंबे समय से महंगाई के अनुरूप भत्तों में वृद्धि की मांग कर रहे थे। वर्तमान में मिलने वाले भत्ते 6वें वेतनमान के अनुसार साल 2010 में तय किए गए थे, जो अब बदलने जा रहे हैं।
नई व्यवस्था के तहत परिवहन भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता, विकलांगता भत्ता, आदिवासी क्षेत्र भत्ता, यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, जोखिम भत्ता, पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, सिलाई भत्ता और वर्दी धुलाई भत्ता जैसे सभी भत्तों का पुनरीक्षण किया जाएगा।
अब तक मात्र 200 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाता था, जो वर्तमान पेट्रोल-डीजल की महंगाई के सामने नगण्य था। लेकिन अब कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के अनुसार भत्ते मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर में बड़ा सुधार होगा। इस घोषणा के बाद प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
हालांकि, कर्मचारी नेताओं ने यह भी मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस फैसले को लागू करे, ताकि 8वें वेतनमान के साथ ही भत्तों में और सुधार किया जा सके। उनका कहना है कि सरकार ने 7वें वेतनमान को लागू करने के 9 साल 2 महीने बाद भत्तों को संशोधित करने की घोषणा की है, इसलिए इसे जल्दी अमल में लाया जाना चाहिए।