जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कोच्चि स्थित केरल हाईकोर्ट में मंगलवार सुबह एक अजीब स्थिति पैदा हो गई। अदालत में चल रही कार्यवाही को तेज़ बदबू की वजह से बीच में ही रोकना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, यह बदबू कोर्ट की फॉल्स सीलिंग में घुसे सिवेट (जंगली जीव) के पेशाब से आ रही थी। बदबू इतनी असहनीय थी कि जजों को मजबूरन कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
20 मिनट में स्थगित हुई सुनवाई
अदालत सूत्रों ने बताया कि सुबह करीब 20 मिनट तक डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश नितिन जमदार और जस्टिस बसंत बालाजी कई मामलों की सुनवाई कर रहे थे। लेकिन तेज़ दुर्गंध फैलने के बाद उन्होंने कार्यवाही रोक दी और कोर्ट रूम को बंद करा दिया गया। सभी मामलों को स्थगित कर दूसरी तारीख के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया।
पहले भी आ चुके हैं जंगली जानवर
यह कोई पहली बार नहीं है जब केरल हाईकोर्ट परिसर में जंगली जानवर घुसे हों। अदालत मंगला वन अभयारण्य (Mangala Wildlife Sanctuary) के नज़दीक स्थित है। बीते वर्षों में यहां बड़े अजगर, सांप और अन्य जंगली जीव परिसर और आसपास के इलाकों में देखे जा चुके हैं। इस वजह से बार-बार हाईकोर्ट को कोच्चि शहर से बाहर कलामसेरी स्थानांतरित करने की मांग उठती रही है।
स्थानांतरण की मांग तेज़ हो सकती है
कानूनी जानकारों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न्यायिक कार्यवाही और सुरक्षा, दोनों के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय हैं। हाईकोर्ट परिसर में बार-बार जंगली जानवरों की मौजूदगी को देखते हुए स्थानांतरण की मांग एक बार फिर तेज़ हो सकती है।