Haryana Lok Sabha Election 2024: पूरे प्रदेश की नजरें जाटलैंड के नाम से मशहूर सोनीपत और रोहतक लोकसभा सीटों पर हैं. दोनों सीटों पर कई ऐसे समीकरण बन रहे हैं, जिससे BJP और Congress के बीच दिलचस्प और कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. BJP पर जहां अपना प्रदर्शन दोहराने का दबाव है, वहीं Congress को अपना अस्तित्व बचाने के लिए करो या मरो की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
सोनीपत और रोहतक Congress के गढ़ रहे हैं। रोहतक में 18 में से 11 बार Congress ने जीत हासिल की है. पिछले चुनाव में BJP ने दोनों सीटों पर कब्जा किया था. Haryana की दस में से इन दो सीटों पर Congress मामूली अंतर से हार गई थी. ऐसे में Congress को इन्हीं दो सीटों से उम्मीदें हैं.
सोनीपत में Congress उम्मीदवार और राज्य के पूर्व CM Bhupendra Singh Hooda को BJP सांसद रमेश कौशिक ने करीब 1 लाख 64 हजार वोटों से हरा दिया. वहीं, रोहतक में BJP सांसद अरविंद शर्मा ने Congress उम्मीदवार Deepender Hooda को महज साढ़े सात हजार वोटों से हराया.
सोनीपत और रोहतक में Hooda परिवार का अच्छा प्रभाव माना जाता है. पिछले चुनाव की हार को हुडडा परिवार आज तक पचा नहीं पाया है और इस बार अपनी हार का बदला लेने के लिए Hooda परिवार और Congress ने पूरी ताकत लगा दी है.
वहीं, PM Modi के 400 पार के नारे के चलते Haryana BJP पर राज्य की सभी दस सीटें जीतने का दबाव है. दोनों लोकसभा क्षेत्रों की 18 विधानसभा सीटों में से Congress के पास 12 और BJP के पास सिर्फ चार सीटें हैं.
सोनीपत: BJP का वोट बैंक तो बढ़ा, लेकिन राह आसान नहीं
सोनीपत लोकसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में BJP का वोट बैंक बढ़ा है. इसके बावजूद पार्टी की राह इतनी आसान नहीं है. BJP प्रत्याशी मोहन लाल बरौली राय विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. साल 2019 में उन्होंने विधानसभा चुनाव सिर्फ 2662 वोटों से जीता था. वह पिछले लोकसभा चुनाव में मिले वोटों और PM Modi के चेहरे के दम पर मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में BJP को 52 फीसदी वोट मिले थे, जबकि Congress उम्मीदवार को 37 फीसदी वोट मिले थे.
हालांकि 5 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में BJP और Congress दोनों का वोट बैंक खिसक गया, लेकिन BJP को ज्यादा नुकसान हुआ. इस सीट के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों में Congress को 33.4 फीसदी वोट मिले जबकि BJP को 35 फीसदी वोट मिले. BJP ने तीन, Congress ने पांच और JJP ने एक सीट जीती. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में Congress को 27.4 वोट और BJP को 35.3 वोट मिले थे. इन चुनावों में जब विधानसभा चुनाव हुए तो Congress का वोट शेयर बढ़ा और BJP का घट गया.
पिछले दो रुझानों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव में BJP का वोट बैंक शेयर बढ़ता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में घट जाता है. 2019 के चुनाव में BJP ने सात विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी, जबकि दो विधानसभा क्षेत्रों खरखौदा और बरोदा में Bhupendra Singh Hooda आगे थे. जिन सात विधानसभा सीटों पर BJP आगे थी उनमें जींद जिले की तीन सीटें सफीदों, जींद और जुलाना शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में इन तीन सीटों पर जींद से BJP, सफीदों से Congress और जुलाना से JJP ने जीत हासिल की थी. हालांकि, जींद जिले में प्रभाव रखने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह इस बार Congress में शामिल हो गए हैं. ऐसे में बीरेंद्र सिंह इन सीटों पर असर डाल सकते हैं. Congress प्रत्याशी पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा.
रोहतक: सियासी राजधानी में दोनों के लिए मुश्किल
रोहतक को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माना जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में रोहतक में BJP प्रत्याशी अरविंद शर्मा को 47 फीसदी और Congress प्रत्याशी Deepender Hooda को 46.4 फीसदी वोट मिले थे. दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में इतना कम अंतर ज्यादा मायने नहीं रखता. रोहतक लोकसभा में नौ विधानसभा सीटें हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में BJP ने रोहतक, कलानौर, बहादुरगढ़ और कोसली विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी. वहीं महम, गढ़ी सांपला-किलोई, बादली, झज्जर और बेरी में Congress आगे रही. Deependra कोसली से 75 हजार वोटों से पिछड़ गए. दीपेंद्र को 42,845 और अरविंद शर्मा को 1,17,825 वोट मिले. कोसली की सीमा अहीरवाल बेल्ट से लगती है, जो BJP नेता राव इंद्रजीत से प्रभावित है। विधानसभा चुनाव में Congress ने सात सीटें जीतीं. बाकी दो में से एक पर BJP और एक पर निर्दलीय ने जीत हासिल की.
पिछले पांच साल में BJP ने Hooda के गढ़ में सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पूर्व CM Manohar Lal रोहतक में सक्रिय हो गए हैं. CM रहते हुए वह लगातार रोहतक का दौरा करते रहे। साथ ही कई लोगों को BJP में शामिल किया. इनमें पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा भी शामिल हैं। दूसरी ओर, Congress पिछली हार से सबक लेते हुए छोटी-छोटी सभाएं कर गैर-जाट वोटों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. Deependra पिछली हार को भावनाओं से जोड़कर सहानुभूति बटोरने की भी कोशिश कर रहे हैं. रोहतक की जीत पांच महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भी संदेश देगी. इसलिए दोनों पार्टियां रोहतक चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं.
अभी यह कहना मुश्किल है कि मुकाबले का आशीर्वाद किसे मिलेगा.
राजनीतिक विश्लेषक सतीश त्यागी का कहना है कि दोनों सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. रोहतक में हार से सबक लेते हुए Congress काफी सतर्कता बरत रही है. इस बार वह अति आत्मविश्वास में नहीं हैं. BJP प्रत्याशी अरविंद शर्मा भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. जिसका चुनाव प्रबंधन बेहतर होगा वह जीतेगा। सोनीपत में Congress के चेहरे पर सब कुछ निर्भर करेगा.