Haryana कैबिनेट बैठक के नकली नोट तैयार कर गुरुग्राम में करोड़ों रुपये की जमीन हड़पने की साजिश का मामला सामने आया है. राज्य सरकार ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है.
राज्य भूमि अभिलेख विभाग ने गुरुग्राम राजस्व विभाग के कर्मचारी विजेंद्र और अन्य के खिलाफ पंचकुला के सेक्टर 5 पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. कुछ अफसरों के नाम भी सामने आने के बाद पुलिस ने FIR में भ्रष्टाचार की धाराएं भी जोड़ दी हैं. इस मामले की जांच के लिए पंचकुला DCP की अध्यक्षता में SIT का गठन किया गया है. एसआईटी में दो SIT और तीन इंस्पेक्टर शामिल हैं।
साजिशकर्ताओं ने पिछले दिसंबर में हुई Manohar Lal सरकार की कैबिनेट बैठक के नकली नोट तैयार कर गुरुग्राम के बादशाहपुर और राजीव चौक इलाके की जमीनों को छुड़ाने की साजिश रची थी. जब आरोपियों ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की तो इसकी जानकारी गुरुग्राम जिला प्रशासन को दी गई. उन्हें मामला संदिग्ध लगा.
गुरुग्राम जिला प्रशासन ने पूर्व CM Manohar Lal से संपर्क किया. पत्र में Manohar Lal और वित्त आयुक्त के पद और नाम लिखे थे. इस पर Manohar Lal को शक हो गया. पत्र में 15 और 21 दिसंबर 2023 की तारीखें थीं, जबकि इस दौरान कोई बैठक नहीं हुई और राजस्व विभाग भी Manohar Lal के पास नहीं था. इस पर Manohar Lal ने तुरंत मुख्य सचिव से बात की और पूछा कि क्या ऐसा कोई आदेश पारित किया गया है. मुख्य सचिव कार्यालय ने जांच की तो पता चला कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. इस पर मुख्य सचिव कार्यालय ने तुरंत सभी को अलर्ट कर दिया.
आरोपी मुख्य सचिव के दफ्तर पहुंचे और वहीं से पकड़े गये.
इस बीच खुद को हाउसिंग फॉर ऑल का कर्मचारी बताने वाला एक व्यक्ति कैबिनेट बैठक का फर्जी नोट लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव कार्यालय पहुंचा और नोट से संबंधित फाइल देखने को कहा. इस फर्जीवाड़े की जानकारी कार्यालय को पहले से ही थी, इसलिए उन्होंने तुरंत आला अधिकारियों को सूचना दी.
मुख्य सचिव ने इस संबंध में डीजीपी से बात की. DGP के आदेश पर आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे हिसार में रहने वाले एक दोस्त ने भेजा था. पुलिस ने उन्हें मुख्य सचिव कार्यालय भी बुलाया. पूछताछ में उसने गुरुग्राम के एक दोस्त का नाम लिया. मुख्य सचिव ने गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर से संपर्क कर उस व्यक्ति से पूछताछ करने के निर्देश दिये. उसका नाम विजेंद्र है. पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया है. इन तीनों के अलावा एक और शख्स को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस ने इस मामले में मुख्य सचिव कार्यालय के कर्मचारियों से भी पूछताछ की है.
ऐसा फर्जीवाड़ा पहले कभी नहीं हुआ, जांच शुरू
कैबिनेट के फर्जी पत्र को देखते हुए Haryana सरकार ने पुराने आदेशों की भी जांच कराई है. टाउन कंट्री प्लानिंग, HSVP, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, राजस्व विभाग और भूमि रिकॉर्ड विभागों ने अपनी-अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। आला अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि अब तक जारी की गई जमीनों का पूरा रिकार्ड देखा जाए। क्या पहले भी हुई थी ऐसी धोखाधड़ी?
सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं
Haryana में जमीन रिलीज को लेकर सत्ताधारी BJP और विपक्षी दल विधानसभा में कई बार आमने-सामने हो चुके हैं. BJP विधायक शुरू से ही आरोप लगाते रहे हैं कि Congress शासनकाल में किसानों की जमीनें अधिग्रहीत की गईं और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. फरवरी में हुए बजट सत्र में Congress विधायकों ने बीजेपी सरकार पर यही आरोप लगाए थे. विधायक बीबी बत्रा ने कई तथ्यों के साथ नाम लेकर आरोप लगाया था कि BJP सरकार ने किन-किन लोगों की जमीन छुड़वाई है।