जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के हरदा में दो दिन पहले करणी सेना के विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बर कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में बवाल मचा दिया है। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हरदा के राजपूत छात्रावास में जब पुलिस लाठीचार्ज करने पहुंची, तो छात्र, युवक और यहां तक कि महिलाएं भी जान बचाने के लिए छतों और बालकनियों पर चढ़ गए। कुछ लोग तो डर के मारे टीनशेड की छतों पर छिप गए और कई ने बालकनी से छलांग तक लगा दी। यह दृश्य इतना भयावह था कि जिसने भी देखा वह दहल उठा।
इसी बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को और गरमाते हुए छात्रावास का दौरा किया और वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। दिग्विजय सिंह ने एक छात्रा के घर पहुंचकर उससे पूछा कि उस दिन आखिर हुआ क्या था। छात्रा ने बेहद भयभीत स्वर में बताया कि जब करणी सेना के बड़े नेता पुलिस अफसरों से बात करके बाहर निकले, तभी अचानक पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस वालों ने न केवल पुरुषों बल्कि बच्चों और महिलाओं तक को नहीं बख्शा। छात्रा के पिता ने भावुक होकर बताया कि जब उनकी बेटी जोर-जोर से रो रही थी, तब कमरे में मौजूद लोगों ने कहा- “बाहर निकले तो पुलिस मारेगी”, ऐसे में सब सहमे बैठे रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे लेकर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला और इस पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने छात्रावास में घुसकर जिस तरह जाति पूछ-पूछकर लाठियां बरसाईं, वह बेहद निंदनीय है। युवाओं ने भी सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि जैसे कश्मीर में आतंकवादियों ने हिंदुओं का नाम पूछकर मारा था, उसी तरह हरदा में पुलिस ने राजपूतों की जाति पूछकर उन्हें बेरहमी से पीटा।
करणी सेना के संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला ने वीडियो जारी कर सरकार पर तीखा सवाल उठाया कि जब पहलगाम में धर्म पूछकर हत्याएं हुई थीं तब पूरा देश एकजुट था, आज हरदा में राजपूतों की जाति पूछकर उन्हें मारा जा रहा है, तब हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले लोग कहां हैं? उन्होंने यह भी कहा कि लाठीचार्ज में जीवन सिंह के सिर पर गंभीर चोट आई, उस पर पुलिसकर्मियों पर IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत केस क्यों नहीं दर्ज हुआ?
इधर राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष राजीव टंडन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हरदा की इस घटना में महिलाओं, मासूम बच्चों और पुरुषों पर जिस तरह बर्बर लाठीचार्ज किया गया, उससे पूरे प्रदेश का राजपूत समाज आक्रोशित है। उन्होंने मांग की कि मानव अधिकार आयोग अपनी टीम भेजकर मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति की जांच करे।
करणी सेना ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच हो और हरदा के एसपी व कलेक्टर को तत्काल बर्खास्त किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यह मामला किसान आंदोलन के काले दिन की तरह मध्यप्रदेश के इतिहास में दर्ज होगा। मानवाधिकार आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले में जल्द संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।