जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
शिव की महिमा अपरंपार है, और जब बात हो बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने की, तो श्रद्धा की ज्योति और भी प्रखर हो जाती है। इस वर्ष, विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को प्रातः 7 बजे बैशाख मास, मिथुन राशि और वृष लग्न में विधि-विधान से खोल दिए जाएंगे।
शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में पंचांग गणना के बाद इस पावन तिथि की घोषणा की गई। परंपराओं के अनुसार, 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा होगी, जिसके बाद 28 अप्रैल को बाबा केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
28 अप्रैल को डोली श्री विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंचेगी, फिर 29 अप्रैल को फाटा, 30 अप्रैल को गौरीकुंड में विश्राम के बाद 1 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। और फिर वह शुभ घड़ी आएगी—2 मई को प्रातः 7 बजे, जब भक्तों के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे, और ‘हर-हर महादेव’ के गगनभेदी जयघोष से हिमालय की वादियां गुंजायमान हो उठेंगी।
वहीं, इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “2 मई का दिन बेहद शुभ है, जब बाबा केदार के द्वार खुलेंगे। यात्रा की सभी तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। बाबा की कृपा से यह यात्रा ऐतिहासिक होगी।”