जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
गुना जिले में आतंक का दूसरा नाम बन चुके मोहर सिंह पारदी को आखिरकार पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। अपराध की दुनिया में पिछले तीन दशकों से दहशत फैलाने वाले इस कुख्यात अपराधी पर हत्या, डकैती, लूट, बलवा और प्रताड़ना जैसे 50 से अधिक संगीन अपराध दर्ज हैं। मंगलवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मोहर सिंह और उसका एक साथी गढ़ला गिर्द के जंगलों में छिपे हुए हैं। इसके बाद राघौगढ़ एसडीओपी दीपा डोडवे के नेतृत्व में धरनावदा और कैंट थाना पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई और घेराबंदी कर दबिश दी गई। लेकिन जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, मोहर सिंह ने खुद को घिरा देख पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसके बाद दोनों आरोपी भागने लगे। इसी दौरान मोहर सिंह गाड़ी से गिरकर घायल हो गया और पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।
गिरफ्तार होने के बाद मोहर सिंह के पांव में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मोहर सिंह के साथ पकड़े गए साथी महेंद्र पारदी पर भी हत्या, लूट और डकैती के कुल 26 मामले दर्ज हैं। यह गिरफ्तारी न सिर्फ गुना पुलिस की बड़ी कामयाबी है, बल्कि जिले के नागरिकों के लिए एक राहतभरी खबर भी है।
यह मामला तब सामने आया जब 19 जनवरी को धरनावदा थाने के ग्राम बीलाखेड़ी में हुए झगड़े के दौरान एक युवक वीरन पारदी को गोली लगी थी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी देखरेख में एक युवक लगाया गया था। अगले दिन रात 10 बजे वह युवक खाना लेने अस्पताल से बाहर निकला, जहां मोहर सिंह पारदी और उसके साथी उसे उठाकर ग्राम गढ़ला ले गए। वहां उसके साथ जो अमानवीयता हुई, वो किसी भी संवेदनशील इंसान को झकझोर सकती है।
पीड़ित युवक को निर्वस्त्र कर, गाली-गलौज करते हुए उसे लटकाया गया, पीटा गया, उस पर पानी डाला गया, जूते बरसाए गए और क्रूरता की हद पार करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट को प्लास से खींचा गया। इस पूरे अमानवीय कृत्य का वीडियो खुद आरोपियों ने बनाया और वायरल भी कर दिया। घटना के करीब एक महीने बाद पीड़ित युवक ने जब किसी तरह भागकर अपनी मां को आपबीती सुनाई, तब जाकर 8 फरवरी को पुलिस में मामला दर्ज हो सका।
इस वीभत्स कांड का मुख्य आरोपी मोहर सिंह फरार चल रहा था, जबकि उसके बाकी साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। इस केस ने पूरे गुना जिले में सनसनी फैला दी थी। इस बीच मोहर सिंह ने फरारी के दौरान एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उसने अपनी पत्नी को एक युवक द्वारा बार-बार फोन करने का हवाला देते हुए इस हैवानियत को जायज़ ठहराने की कोशिश की। उसने वीडियो में एसपी को प्रणाम कहकर कहा कि उसकी पत्नी और बेटी बार-बार उस युवक की हरकतों से परेशान थीं, इसीलिए उसने गुस्से में आकर यह कदम उठाया।
यह कोई पहली बार नहीं था जब मोहर सिंह पारदी ने अपनी दरिंदगी दिखाई हो। उसका आपराधिक सफर साल 1990 में महज 13 साल की उम्र में शुरू हो गया था। तब से लेकर अब तक वह लगातार अपराध करता रहा है और प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा है। उस पर गुना जिले में ही 43 मामले दर्ज हैं, जबकि बाकी 7 केस अन्य राज्यों में दर्ज हैं। साल 2021 में उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है। उसके अपराधों की लंबी सूची में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, बलवा, अवैध कब्जा और मारपीट जैसे जघन्य अपराध शामिल हैं।
मोहर सिंह ने अपराध की कमाई से हड्डी मील क्षेत्र में अवैध मकान भी बनवाया था, जिसे प्रशासन ने जांच के बाद ध्वस्त कर दिया था। वह फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा कर खेती करता था और जंगलों में अपना गढ़ बना रखा था, जिससे पुलिस को उसे पकड़ने में बार-बार मुश्किल होती थी। लेकिन इस बार पुलिस ने न सिर्फ योजना बनाकर उसे ट्रैक किया, बल्कि मुठभेड़ के बाद धर-दबोचा।
एसपी अंकित सोनी ने इस कार्रवाई की जानकारी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी और पूरी पुलिस टीम को इस कामयाबी के लिए सराहना दी। इस गिरफ्तारी से न सिर्फ एक कुख्यात अपराधी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा है, बल्कि जिले में भयमुक्त वातावरण की दिशा में एक मजबूत कदम भी उठाया गया है।