जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सर्दियों का मौसम अपने साथ कई तरह की सेहत संबंधी समस्याएं भी लेकर आता है। ठंड बढ़ने के साथ ही सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी आम परेशानियां बच्चों, बुजुर्गों और यहां तक कि युवा वर्ग को भी अपनी चपेट में ले लेती हैं। थोड़ी सी भी लापरवाही सर्दी को गंभीर बना सकती है, जिससे सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं। ऐसे में बहुत से लोग सीधे दवाइयों का सहारा लेने लगते हैं, लेकिन आयुर्वेद में बताया गया देसी काढ़ा इन परेशानियों से राहत दिलाने में बेहद कारगर होता है।
भारत में कई पीढ़ियों से दादी-नानी का सुझाया हुआ काढ़ा आज भी सर्दी-जुकाम में रामबाण माना जाता है। यह न केवल सर्दी और खांसी को जड़ से ठीक करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। खास बात यह है कि इसे बनाना भी बेहद आसान है और इसके लिए सभी सामग्री आमतौर पर घर में ही मिल जाती हैं।
काढ़ा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:
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अदरक (कटा हुआ) – 1 टीस्पून
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लौंग – 2 से 3
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तुलसी के पत्ते – 5 से 6
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गिलोय – 1 छोटा टुकड़ा
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कुटी हुई काली मिर्च – 1 टीस्पून
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दालचीनी – 1 छोटा टुकड़ा
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चीनी – 1 टीस्पून (यदि मधुमेह न हो तो)
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पानी – 2 कप
काढ़ा बनाने की विधि:
सबसे पहले एक पतीला लें और उसे मीडियम आंच पर गर्म करें। अब इसमें अदरक, लौंग, तुलसी के पत्ते, दालचीनी और कुटी हुई काली मिर्च डालें और कुछ मिनट तक भूनें, जिससे इनका स्वाद और गुण अच्छे से बाहर आ जाएं। जब इन मसालों से खुशबू आने लगे, तब इसमें 2 कप पानी डालें। साथ ही, गिलोय का छोटा टुकड़ा और चीनी भी मिलाएं।
अब गैस की आंच धीमी कर दें और इस मिश्रण को लगभग 15-20 मिनट तक उबालें। ध्यान रखें कि पानी धीरे-धीरे उबलकर आधे से भी कम रह जाए। जब पानी की मात्रा कम हो जाए और काढ़ा गाढ़ा दिखने लगे, तब गैस बंद कर दें। इस काढ़े को छानकर गरम-गरम चाय की तरह पिएं।
सेवन का तरीका:
इस काढ़े को दिन में 1 से 2 बार पिया जा सकता है। इसे 2-3 दिनों तक नियमित पीने से सर्दी, जुकाम और हल्की खांसी से राहत मिलती है। यह काढ़ा शरीर को अंदर से गर्म करता है और इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है, जिससे ठंड के मौसम में बार-बार बीमार पड़ने से बचा जा सकता है।
अतिरिक्त सुझाव:
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अगर मधुमेह के मरीज हैं तो चीनी की जगह शहद या गुड़ का प्रयोग करें।
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काढ़ा पीने के बाद कम से कम 30 मिनट तक ठंडा पानी न पिएं।
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ज्यादा गंभीर लक्षण होने पर इस घरेलू उपाय के साथ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और घरेलू उपचार के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए नुस्खे और सुझाव आयुर्वेद पर आधारित हैं और सभी के लिए एक जैसे प्रभावी हों, यह जरूरी नहीं है। यदि आपकी तबीयत ज्यादा खराब है, तेज बुखार या अन्य लक्षण लगातार बने हुए हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले अपने हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखें और चिकित्सकीय सलाह प्राप्त करें।