जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट बिल-2025 के खिलाफ वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा है और नतीजतन मध्यप्रदेश में आज न्याय के मंदिर में सन्नाटा रहेगा। जी हाँ, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट समेत प्रदेशभर की सभी अदालतों में आज वकील काम नहीं करेंगे। हालांकि, अदालतें खुली रहेंगी, लेकिन वकीलों के नदारद रहने से न ही जिरह होगी, न ही मामलों की सुनवाई आगे बढ़ेगी।
दरअसल, सरकार द्वारा लाए गए एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट बिल-2025 ने प्रदेश के वकीलों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार और जिला बार एसोसिएशन ने आज ‘प्रतिवाद दिवस’ मनाने का फैसला किया है। वकीलों का कहना है कि वे पहले से ही एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब, उल्टा नया कानून लाकर वकीलों को और कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
एमपी स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन आर.के. सैनी ने सरकार को दो टूक संदेश देते हुए कहा—“ये सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के वकीलों के अधिकारों पर हमला है! इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे!”
बता दें, वकीलों की इस हड़ताल से सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को होगा, जो दूर-दराज से अपने केस की सुनवाई के लिए अदालत पहुंचेंगे। लेकिन वकील मौजूद न होने के कारण उन्हें नई तारीख लेकर लौटना पड़ेगा।