अयोध्या में राम दरबार की भव्य स्थापना: 23 मई को प्रथम तल पर विराजेंगे श्रीराम और उनका पूरा परिवार, 3 जून से शुरू होगा महाअनुष्ठान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के प्रथम तल पर अब श्रद्धालुओं को राम दरबार के दर्शन का सौभाग्य मिलने जा रहा है। 23 मई को जयपुर में तैयार किए गए मकराना के सफेद संगमरमर से बनीं राम दरबार की दिव्य प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इस प्रतिमा में भगवान श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे, जबकि लक्ष्मण और शत्रुघ्न भगवान के पीछे खड़े होकर चंवर डुला रहे हैं। श्रीराम के चरणों में भक्त भाव से बैठे भरत और हनुमान जी की मूर्तियां भी सम्मिलित हैं। यह भव्य मूर्ति श्रद्धा, परंपरा और भारतीय संस्कृति की अनुपम प्रस्तुति है।

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह 3 से 5 जून तक आयोजित होगा। श्रीराम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी है कि 5 जून तक मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसी के साथ परिसर में बनाए गए 7 अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा भी इन्हीं तिथियों में होगी।

इस आयोजन की एक विशेष बात यह है कि 3 जून से शुरू हो रहे समारोह में राज्य या केंद्र सरकार के किसी विशिष्ट व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। ट्रस्ट का निर्णय है कि यह आयोजन पूरी तरह धार्मिक रहेगा और इसमें विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक गुरु ही आमंत्रित किए जाएंगे।

कालेराम मंदिर की तर्ज पर, लेकिन अब अलग से दर्शन की आवश्यकता नहीं

अब तक अयोध्या के प्रसिद्ध कालेराम मंदिर में स्थित काले शालिग्राम से निर्मित राम दरबार की एकल प्रतिमा के दर्शन करना श्रद्धालुओं की विशेष श्रद्धा का केंद्र रही है। लेकिन अब रामलला के दर्शन के साथ ही राम मंदिर में स्थापित इस भव्य राम दरबार के दर्शन भी संभव हो सकेंगे। इससे श्रद्धालुओं को अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की विशेष व्यवस्था

प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक सप्ताह के भीतर यह नया हिस्सा आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, दर्शन को लेकर नियम भी बनाए गए हैं – प्रति घंटे केवल 50 लोगों को ही राम दरबार का दर्शन करने की अनुमति होगी और एक दिन में केवल 750 लोग ही दर्शन कर सकेंगे। यह व्यवस्था मंदिर की गरिमा और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

जनवरी की ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब अगला अध्याय

गौरतलब है कि इससे पहले 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी, जो एक ऐतिहासिक और आस्था से परिपूर्ण आयोजन था। अब राम दरबार की स्थापना के साथ अयोध्या और श्रीराम मंदिर का धार्मिक स्वरूप और भी संपूर्ण व भव्य हो जाएगा।

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