जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय लिखते हुए रेखा गुप्ता ने रामलीला मैदान में शपथ ली और दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गईं। शालीमार बाग से पहली बार विधायक बनीं रेखा अब दिल्ली की सत्ता संभालेंगी, लेकिन यह सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि एक बड़ी सियासी जंग का ट्रेलर है। ये तो आने वाले समय में पता चलेगा।
लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें, पीएम मोदी, अमित शाह और 21 राज्यों के बीजेपी सीएम की मौजूदगी में आज दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्ता हस्तांतरण तो हुआ, लेकिन इस महत्त्वपूर्ण मौके पर न अरविंद केजरीवाल आए, न आतिशी। लेकिन दिल्ली की सियासत में सबसे बड़ा झटका तब लगा जब केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा समेत 6 मंत्रियों ने शपथ ली।
हालांकि असली चर्चा तब छिड़ गई जब रेखा गुप्ता ने ऐलान कर दिया— “मैं शीशमहल में नहीं रहूंगी!” शपथ लेने से पहले रेखा गुप्ता ने गुरुवार सुबह मीडिया से कहा, ‘यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे पीएम मोदी और पार्टी हाईकमान पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री बनूंगी। मैं शीशमहल में नहीं रहूंगी।’ बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी निवास को भाजपा ने शीशमहल का नाम दिया था। इसे अरविंद केजरीवाल ने बनवाया था। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल ने इसे बनाने में नियमों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपये खर्च किए और भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा भी बना लिया था। ऐसे में रेखा गुप्ता का यह बयान काफी चौंकाने वाला है।
बता दें, इस खास मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी रेखा गुप्ता को बधाई दी। उन्होंने अपने X पर लिखा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बहन रेखा गुप्ता जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं! आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में महिला सशक्तिकरण का संकल्प आज पुनः सार्थक हुआ। निश्चित ही बहन रेखा जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार; विकास, जनसेवा और सुशासन के नए आयाम स्थापित कर दिल्ली को विकसित भारत की विकसित राजधानी बनाएगी। आपको और लाखों भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं!”
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कौन हैं रेखा गुप्ता
हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट पर जीत दर्ज की है। यह उनकी पहली बार विधायक बनने की खुशी है और उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का सपना भी पूरा कर लिया। रेखा ने ‘आप’ की बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया।
बता दें, रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। जब वे सिर्फ 2 साल की थीं, तब उनका परिवार दिल्ली चला गया क्योंकि उनके पिता को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर की नौकरी मिल गई थी। रेखा ने अपनी पूरी शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की और इसी दौरान वे ABVP यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गईं, जिससे उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने LLB की डिग्री भी हासिल की है। 2007 में, रेखा गुप्ता दिल्ली के पीतमपुरा (उत्तर) से काउंसिलर बनीं। इसके अलावा, वे दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की जनरल सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं। 2004 से 2006 तक, वे भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्यरत रहीं। रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से हैं, जो दिल्ली में अच्छी खासी संख्या में मौजूद है और इसे बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है।