ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान से बढ़ जाती है जिंदगी बचाने की संभावना, घर पर ऐसे करें जांच

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका जितनी जल्दी पता चल जाए, उसका इलाज उतना ही आसान और सफल हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर कैंसर शुरुआती स्टेज यानी स्टेज 1 या 2 में पहचान लिया जाए, तो इलाज के बाद मरीज के बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। वहीं, अगर कैंसर तीसरे स्टेज तक पहुंच जाता है, तब भी समय पर इलाज से परिणाम बेहतर मिलते हैं। सबसे बड़ी चुनौती है—समय पर बीमारी की पहचान

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर लोग खुद अपने शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान दें और समय-समय पर खुद की जांच करें, तो कैंसर की शुरुआती स्टेज में पकड़ संभव है। खासकर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लिए घर पर ही एक आसान टेस्ट महीने में एक बार जरूर करना चाहिए।

घर पर कैसे करें ब्रेस्ट कैंसर की जांच?

बीएलके-मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गरिमा सिंह बताती हैं कि महिलाएं कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके घर पर ही ब्रेस्ट कैंसर की जांच कर सकती हैं। इसे सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (Self Breast Examination) कहा जाता है।

पहला स्टेप: शीशे के सामने निरीक्षण

  • एक बड़े शीशे के सामने खड़े हो जाएं और अपने हाथों को कूल्हों पर रखें।

  • ध्यान से देखें कि क्या ब्रेस्ट के आकार, शेप या रंग में कोई बदलाव दिख रहा है।

  • कंधे सीधे रखें और देखें कि कहीं त्वचा सिकुड़ रही है, गड्ढा पड़ रहा है या कोई असामान्यता तो नहीं है।

दूसरा स्टेप: हाथ ऊपर उठाकर जांच

  • अब दोनों हाथ सिर के ऊपर उठाएं और फिर ब्रेस्ट को ध्यान से देखें।

  • उंगलियों से हल्के दबाव के साथ छोटे-छोटे गोलाकार मूवमेंट बनाते हुए महसूस करें कि कहीं कोई गांठ या असामान्य कठोरता तो नहीं है।

तीसरा स्टेप: पूरे क्षेत्र को कवर करें

  • बगल से लेकर क्लीवेज तक और कॉलरबोन से पेट के ऊपरी हिस्से तक ब्रेस्ट के पूरे क्षेत्र को दबाकर चेक करें।

  • यह जांच खड़े होकर और बैठकर—दोनों स्थितियों में करें।

चौथा स्टेप: अलग-अलग दबाव से जांच

  • सतह पर मौजूद टिशूज के लिए हल्का दबाव डालें।

  • मिड-टिशूज के लिए सामान्य दबाव का इस्तेमाल करें।

  • गहरे हिस्से को चेक करने के लिए थोड़ा ज्यादा दबाव डालें।

  • देखें कि कहीं कोई गांठ, असामान्य उभार या दर्द महसूस तो नहीं हो रहा है।

जांच के दौरान किन संकेतों पर ध्यान दें?

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए कुछ लक्षण बहुत अहम होते हैं। अगर इनमें से कोई भी संकेत दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • ब्रेस्ट का आकार, रंग या शेप बदल जाना

  • त्वचा पर गड्ढा, सिकुड़न या खिंचाव आना

  • निप्पल का अंदर की ओर धंस जाना या उसका आकार बदलना

  • स्किन का रंग बदलना, दाने या रैशेज आना

  • बिना दर्द वाली गांठ का महसूस होना

  • लगातार सूजन या असामान्य दर्द

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर किसी महिला को ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी बदलाव महसूस हो, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से जांच करानी चाहिए। डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन के अलावा मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी जैसी जांचें करके कैंसर की पुष्टि करते हैं।

साथ ही, डॉक्टर साल में कम से कम एक बार CA 15.3 टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। यह ब्लड टेस्ट है, जो ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती पहचान में मदद करता है।

कैंसर की पहचान में देर होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन अगर महिलाएं महीने में एक बार घर पर खुद की जांच करें और सालाना मेडिकल चेकअप करवाएं, तो ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से समय रहते बचाव संभव है। डॉक्टरों का कहना है कि “जितनी जल्दी पहचान, उतना आसान इलाज और बेहतर रिजल्ट।

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