जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मंदसौर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ग्राम दुधाखेड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कई बड़ी घोषणाएं कीं और विकास की अनेक सौगातें क्षेत्र को समर्पित कीं। मुख्यमंत्री ने श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण में दुधाखेड़ी माता मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और दर्शन किए। उन्होंने घोषणा की कि इस मंदिर परिसर को “देवी लोक” के रूप में भव्यता से विकसित किया जाएगा और इसके विकास व सौंदर्यीकरण के हर पहलू पर कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रदेश के विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारी सरकार हर हाथ को काम और हर खेत को पानी देने के संकल्प के साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तेज़ी से औद्योगिकीकरण और सिंचाई परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। इसी क्रम में उन्होंने 400 करोड़ रुपए लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन कर क्षेत्र को विकास की नई राह पर अग्रसर करने की शुरुआत की।
वहीं, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि प्रदेश में सिंचाई क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि हो रही है। अब तक 50 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित किया जा चुका है और अगले पांच वर्षों में यह संख्या 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को इस दिशा में मील का पत्थर बताया गया, जिससे 6 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशेष रूप से गरोठ-भानपुरा क्षेत्र के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अब यह क्षेत्र दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अन्य प्रमुख मार्गों से जुड़कर देशभर में अपनी पहचान बना रहा है। उज्जैन-गरोठ मार्ग के निर्माण को उन्होंने उज्जैन और इस क्षेत्र के हज़ारों साल पुराने संबंधों को फिर से जोड़ने वाला कार्य बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, और अब गरोठ-भानपुरा क्षेत्र में चीते दौड़ते नजर आएंगे। उन्होंने गीता भवन निर्माण की भी घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दुधाखेड़ी में आयोजित समारोह में 223.26 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित शामगढ़-सुवासरा वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना विस्तारीकरण, 60.03 करोड़ रुपए की ताखाजी सूक्ष्म मध्यम सिंचाई परियोजना, 2.48 करोड़ रुपए की लागत से शामगढ़-बोलिया मार्ग पर पुल, और 7.71 करोड़ रुपए की लागत से गरोठ में एसडीएम कार्यालय भवन एवं तहसील कार्यालय का लोकार्पण किया। इसके अलावा 102.64 करोड़ रुपए की लागत से गरोठ-बोलिया टू लेन सड़क तथा 4.73 करोड़ की लागत से गरोठ-शामगढ़ मार्ग से दादावाड़ी-हिंगोरिया मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन किया गया। वहीं, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का नागरिकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। दुधाखेड़ी माता मंदिर प्रबंध समिति ने मुख्यमंत्री का शॉल और श्रीफल से सम्मान किया, वहीं जल संसाधन मंत्री सिलावट ने उन्हें गांधी सागर डैम का छायाचित्र भेंट किया।
इस मौके पर कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त बाबूलाल बंजारा, विधायक चंद्र सिंह सिसोदिया, भानपुरा पीठ के संत ज्ञानानंद जी महाराज, प्रकाशनाथ जी महाराज, राजेश दीक्षित, दुर्गा पाटीदार, देवी सिंह धाकड़ सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थलियों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है और इस दिशा में गरोठ-भानपुरा क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। कामधेनु योजना के तहत दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में सांसद सुधीर गुप्ता ने गरोठ-भानपुरा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों की जानकारी दी और बताया कि गांधी सागर में चीता पुनर्स्थापन, हिंगलाजगढ़ माता मंदिर जैसे स्थल अब पर्यटन के नक्शे में शामिल किए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को उज्जैन-गरोठ मार्ग निर्माण के लिए धन्यवाद देते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया।