ड्रीमलाइनर या डरलाइनर? तकनीकी खराबियों और धमकियों से घिरी भारत आने वाली उड़ानें, हॉन्गकॉन्ग-दिल्ली एअर इंडिया फ्लाइट AI315 तकनीकी खराबी के चलते लौटी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारत से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में पिछले कुछ दिनों के भीतर जो घटनाएं सामने आई हैं, वे विमानन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। एअर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा, सऊदी अरबिया एयरलाइंस और एअर इंडिया एक्सप्रेस – पांच अलग-अलग फ्लाइट्स, पांच अलग-अलग उड़ानें, लेकिन सबमें एक जैसी कहानी: तकनीकी खराबी, धमकी और लापरवाही। और सबसे बड़ा सवाल – क्या अब बोइंग ड्रीमलाइनर सिर्फ ‘उड़ान’ नहीं, ‘संशय’ का प्रतीक बन गया है?

सबसे ताजा मामला सामने आया हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI315 का, जिसे सोमवार को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि फ्लाइट में तकनीकी खराबी आ गई थी। यह उड़ान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान से संचालित की जा रही थी, जिसे दुनिया की सबसे अत्याधुनिक और भरोसेमंद श्रेणी के विमानों में गिना जाता है। लेकिन यह भरोसा अब बार-बार टूटता नजर आ रहा है।

रविवार को भी ऐसे ही दो मामले सामने आए, जिनमें भारत आने वाली ड्रीमलाइनर फ्लाइट्स बीच रास्ते से वापस लौट गईं। पहली फ्लाइट ब्रिटिश एयरवेज की थी जो लंदन से चेन्नई आ रही थी। उड़ान संख्या BA35 को टेकऑफ के दो घंटे बाद तकनीकी खराबी – विशेषकर फ्लैप फेल – के कारण वापस हीथ्रो एयरपोर्ट लौटना पड़ा। एयरलाइन ने इस दौरान कितने यात्री सवार थे, फ्लाइट कितनी देर हवा में रही – इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की, लेकिन Flightradar24.com के मुताबिक फ्लाइट दोपहर 1:16 बजे उड़ान भरने के बाद करीब दो घंटे हवा में रही और फिर लंदन लौट गई।

दूसरी फ्लाइट थी लुफ्थांसा एयरलाइंस की LH752, जो फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद आ रही थी। इस फ्लाइट को भी उड़ान भरने के बाद वापस फ्रैंकफर्ट लौटना पड़ा, लेकिन इस बार वजह तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि बम धमकी थी। हैदराबाद एयरपोर्ट को 15 जून की शाम 6:01 बजे एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें विमान को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी का गठन किया और सभी SOP प्रक्रिया पूरी करने के बाद विमान को वापस लौटने की सलाह दी गई। एयरलाइंस के अनुसार उन्हें हैदराबाद में लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली, जिसके चलते फ्लाइट को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट वापस भेजा गया।

इन घटनाओं के बीच सबसे भयावह घटना कुछ दिन पहले 12 जून को अहमदाबाद में हुई थी, जब बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान सिर्फ दो मिनट में क्रैश हो गया। इस विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई। केवल एक यात्री जीवित बच पाया। हादसे की जांच अभी जारी है, लेकिन इससे साफ हो गया है कि ड्रीमलाइनर विमानों की ‘ड्रीम’ अब खतरनाक हकीकत में बदल रही है।

सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ही नहीं, घरेलू एयरपोर्ट्स पर भी खौफनाक घटनाएं घट रही हैं। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर रविवार सुबह सऊदी अरबिया एयरलाइंस की फ्लाइट SV-3112 की लैंडिंग के दौरान पहिए से चिंगारी और धुआं निकलने लगा। यह फ्लाइट जेद्दा से हज यात्रियों को लेकर लखनऊ पहुंची थी। रनवे पर लैंडिंग के बाद जब विमान टैक्सीवे पर आ रहा था, तभी अचानक पहिए से धुआं निकलने लगा। पायलट ने तुरंत एटीसी को जानकारी दी और विमान को रोक दिया। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर फोम और पानी का छिड़काव किया और करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया। इसमें 250 से अधिक यात्री सवार थे, जिनकी जान बाल-बाल बची।

इसी कड़ी में एक और हैरान करने वाली घटना सामने आई एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-196 से, जो दुबई से जयपुर आ रही थी। इस फ्लाइट में सवार 150 से ज्यादा पैसेंजर्स को 5 घंटे से ज्यादा समय तक विमान में बिना एयर कंडीशनिंग और पानी के बैठा दिया गया। तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट को 13 जून शाम 7:25 बजे उड़ान भरनी थी, लेकिन ये रात 12:44 बजे रवाना हुई। इस दौरान यात्रियों को किसी तरह की सहायता नहीं दी गई। सोमवार को इसका वीडियो वायरल हुआ, जिसमें यात्री बेहाल दिखाई दे रहे थे।

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