जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के सीधी जिले के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक और जश्न मनाने का क्षण है! चार दशकों से रेल सेवा की राह देख रहे इस जिले में आखिरकार ट्रेन की सीटी गूंज उठी। जब पहली बार रीवा जिले की सीमा को पार करते हुए ट्रेन बघवार रेलवे स्टेशन तक पहुंची, तो पूरा क्षेत्र खुशी से झूम उठा। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि सीधी को विकास की नई रफ्तार भी देगा।
40 साल बाद पूरा हुआ सपना!
1985 में जब ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना की नींव रखी गई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इसे साकार होने में 40 साल लग जाएंगे। लेकिन अब यह सपना साकार हो रहा है। बघवार रेलवे स्टेशन तक सफल ट्रायल रन के बाद उम्मीद जगी है कि जल्द ही ट्रेन सीधी जिला मुख्यालय तक भी पहुंचेगी। इस ऐतिहासिक क्षण ने जिलेवासियों की आंखों में खुशी और उम्मीदों की चमक भर दी है।
ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना अब तेज गति से आगे बढ़ रही है। अमरवाह घाट (320 मीटर), कुर्रवाह घाट (458 मीटर) और चिलरी घाट (255 मीटर) पर निर्माण कार्य जोरों पर है, और अगले साल तक यह कार्य पूरा होने की उम्मीद है। चुरहट होते हुए जल्द ही ट्रेन सीधी जिला मुख्यालय तक भी पहुंचेगी, जिससे जिले की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
ट्रेन के बघवार स्टेशन तक पहुंचने के बाद ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर अपनी भावनाएं साझा कीं। इस रेल परियोजना के पूरा होने के बाद सीधी के लोगों को कई लाभ मिलेंगे। व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, शिक्षा और चिकित्सा सेवाएं पहले से बेहतर होंगी, और सबसे बड़ी बात, लोगों का सफर आसान और किफायती हो जाएगा।