जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मौसम पूरी तरह से करवट ले चुका है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ लाइन के असर के कारण राज्य के कई जिलों में रविवार को अचानक तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिली। राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर, शहडोल, खरगोन और अशोकनगर तक कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई, जबकि अशोकनगर में ओले गिरने से लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहेगा और प्रदेश के 45 से ज्यादा जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में आंधी-बारिश की आशंका है और हवाओं की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
रविवार को दोपहर बाद जैसे ही मौसम बदला, तेज हवाओं ने प्रदेश के कई हिस्सों में तबाही मचा दी। कोलार (भोपाल) सहित मंदसौर, शहडोल, छतरपुर, सागर और खरगोन में आंधी के साथ पानी गिरा। खरगोन में तेज हवाओं से टीन शेड उड़ गए और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। वहीं, अशोकनगर में गिरे ओलों ने खेतों और फसलों को नुकसान पहुंचाया। मौसम विभाग के मुताबिक, इस सीजन की यह अब तक की सबसे तेज आंधी थी। यह स्थिति बताती है कि मौसम में आए बदलाव ने गर्मी के साथ-साथ प्राकृतिक असंतुलन का संकेत भी दे दिया है।
हालांकि दूसरी ओर, प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी का दौर भी जारी रहा। खजुराहो में पारा 42 डिग्री को पार कर गया, वहीं सतना, रीवा, दमोह और सागर जैसे शहरों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री, इंदौर में 35.9 डिग्री, ग्वालियर में 39.6 डिग्री, जबलपुर में 39.2 डिग्री और उज्जैन में 37.5 डिग्री सेल्सियस रहा। ठंडी जगह माने जाने वाले पचमढ़ी में भी न्यूनतम तापमान 31.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से काफी ऊपर है।