छतरपुर जिला अस्पताल में बुज़ुर्ग मरीज से डॉक्टर की हैवानियत: थप्पड़ मारा, ज़मीन पर घसीटा, अब वीडियो वायरल होने पर मचा बवाल

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और डॉक्टरों की संवेदनहीनता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इस बार मामला सिर्फ इलाज में लापरवाही का नहीं, बल्कि एक बुज़ुर्ग मरीज के साथ डॉक्टर द्वारा की गई बर्बर मारपीट का है, जो कैमरे में कैद होकर अब पूरे देश में वायरल हो रहा है।

ये घटना छतरपुर जिला अस्पताल की है, जहां 17 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े 11 बजे 77 वर्षीय उधवलाल जोशी अपनी पत्नी के इलाज के लिए पहुंचे थे। पेट दर्द की शिकायत के चलते उनकी पत्नी को डॉक्टर से तुरंत दिखाना जरूरी था, इसलिए वे ओपीडी नंबर 14 के बाहर लाइन में लगे हुए थे। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राजेश मिश्रा वहां आए और भीड़ देखकर नाराज़ हो गए। आरोप है कि जब बुज़ुर्ग ने जल्दी इलाज की गुहार लगाई, तो डॉक्टर भड़क उठे और उन्होंने उधवलाल को थप्पड़ जड़ दिया।

लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डॉक्टर बुज़ुर्ग को पकड़कर ज़मीन पर घसीटते हुए अस्पताल की चौकी तक ले जाते हैं। इस शर्मनाक कृत्य में डॉक्टर की मदद एक अन्य युवक कर रहा है, जो रेड क्रॉस संस्था का कर्मचारी बताया जा रहा है। बुज़ुर्ग का आरोप है कि डॉक्टर ने न केवल उन्हें मारा, बल्कि उनकी पत्नी के साथ भी बदसलूकी की और थप्पड़ मारा।

उधवलाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि डॉक्टर ने उनके कान पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, जिससे उनका चश्मा टूट गया। इस पूरी घटना से वे मानसिक रूप से टूट चुके हैं। उन्होंने कहा, “मैंने तो सिर्फ अपनी पत्नी के लिए मदद मांगी थी, लेकिन जो अपमान और हिंसा मुझे मिली, वो मेरी उम्र और इंसानियत दोनों के खिलाफ है।”

इस घटना के तुरंत बाद अस्पताल प्रशासन ने इसे एक “बदतमीज़ मरीज की प्रतिक्रिया” बताकर दबाने की कोशिश की थी। लेकिन जब वीडियो सामने आया और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पूरा मामला पलट गया। अब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. जे.एल. अहिरवार ने खुद माना है कि डॉक्टर राजेश मिश्रा ने ही मारपीट की है और उनके खिलाफ विभागीय नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि डॉक्टर के खिलाफ टर्मिनेशन तक की कार्रवाई की जा सकती है।

गौर करने वाली बात ये भी है कि घटना के वक्त पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन आपसी समझाइश के चलते मामला शांत करवा दिया गया था और पीड़ित बुज़ुर्ग ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी। लेकिन अब जब वीडियो देशभर में वायरल हो चुका है, तो प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ गया है, और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।

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