जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश इन दिनों भीषण बारिश की मार झेल रहा है। कई जिलों में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। रीवा, सतना, मैहर, छतरपुर जैसे जिलों में जल प्रलय जैसे दृश्य बन चुके हैं। रीवा में महज़ 10 महीने पहले उद्घाटन हुए एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल तक बारिश की ताकत के आगे टिक नहीं सकी और भरभराकर गिर गई। वहीं, चित्रकूट में मंदाकिनी नदी उफान पर है और पानी घरों-दुकानों तक घुस चुका है। घाट डूब गए हैं और नावों से लोगों को निकाला जा रहा है।
छतरपुर में रिकॉर्ड बारिश, खजुराहो में 9 घंटे में 6.3 इंच पानी
शनिवार को सबसे ज्यादा मार छतरपुर जिले ने झेली। यहां खजुराहो में केवल 9 घंटे में 6.3 इंच बारिश दर्ज की गई, जो इस मौसम की अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है। नौगांव में 3.4 इंच, टीकमगढ़ में डेढ़ इंच, जबकि दतिया और नरसिंहपुर में पौन इंच बारिश हुई। जबलपुर, दमोह, मंडला जैसे जिलों में भी झमाझम बारिश जारी रही।
अब बारिश का रुख बदलेगा: पश्चिमी जिलों पर दो दिन तक भारी असर
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार से बारिश का सिस्टम प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में शिफ्ट होगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में दो दिन तक भारी बारिश देखने को मिलेगी। 19 जिलों में अति भारी बारिश और 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में अगले 24 घंटे के भीतर 8 इंच तक बारिश हो सकती है।
जिन जिलों में अति भारी बारिश का खतरा:
ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर।
भारी बारिश वाले जिले:
भोपाल, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, इंदौर, देवास, सीहोर, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, भिंड, दतिया, पन्ना और सतना।
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रीवा एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल गिर गई, विधायक नागेंद्र सिंह के घर में पानी घुस गया।
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चित्रकूट के घाट जलमग्न हो चुके हैं, दुकानों और घरों में पानी भरने से लोग परेशान, नावों से बचाव।
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बाणसागर डैम (शहडोल) के 7 गेट और जोहिला डैम (उमरिया) के दो गेट खोलने पड़े।
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मैहर में मां शारदा मंदिर जाने वाले रास्ते पर 3 फीट पानी भर गया।
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टीकमगढ़ के लिधौरा में घरों में पानी घुसा, एक मकान का हिस्सा गिरा।
मौसम वैज्ञानिकों का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश में एक साथ दो ट्रफ लाइनें, एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हैं, जो मिलकर भारी बारिश का कारण बन रहे हैं। अगले दो दिन तक इंदौर, उज्जैन और भोपाल संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इसके बाद सिस्टम कमजोर होगा, लेकिन तब तक कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो सकता है।