जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के गुना ज़िले में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गए धार्मिक जुलूस पर हुए पत्थरबाज़ी के हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन, जब लोग डीजे और झांझ-मंजीरों की आवाज़ के साथ भगवान के नाम में मग्न होकर जुलूस निकाल रहे थे, तब अचानक कर्नलगंज इलाके में मस्जिद के पास जुलूस पर पत्थरों की बौछार शुरू हो गई। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया, और दोनों पक्षों से जवाबी पत्थरबाज़ी शुरू हो गई। पुलिस ने हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन तब तक कई लोग घायल हो चुके थे।
इस घटना पर बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। 14 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग धार्मिक उत्सवों के दौरान पत्थरबाज़ी करते हैं, वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं। ऐसे लोगों को भारत सरकार को सीधा फांसी देनी चाहिए।”
उन्होंने सीधे तौर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से दोषियों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि, “सीएम मोहन यादव मेरे बहुत प्रिय हैं, मैं उनसे कहूंगा कि ऐसे तत्वों पर तुरंत बुलडोजर चले।”
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि गुना की टेकरी सरकार की भूमि हनुमान जी की पावन भूमि है, और वहां इस प्रकार का हमला न केवल आस्था पर वार है, बल्कि हिंदू समाज को डराने की एक सोची-समझी साजिश भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “कुछ विशेष मजहब के लोग धर्म के नाम पर भौकाल बना रहे हैं, और हिंदुओं को डराने की कोशिश कर रहे हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया और चेताया कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले समय में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से भी हिंदू पलायन करने पर मजबूर होंगे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें समीर, सोनू, अनस, शकील, साहिल, तोईद, अतीक, सौरभ और विक्की पठान शामिल हैं। इन सभी पर हत्या के प्रयास, बलवा, मारपीट और तोड़फोड़ जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। मामले में कुछ अज्ञात आरोपियों की तलाश अब भी जारी है।
घटना के बाद से पूरे राज्य में साम्प्रदायिक तनाव और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है।