जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के समग्र और समावेशी शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल करते हुए घोषणा की है कि मध्यप्रदेश के सभी नगर निगमों में विकास समिति का गठन किया जाएगा। यह समितियाँ डॉक्टर, इंजीनियर, सिटी प्लानर, प्रोफेसर, लेक्चरर और स्कूल टीचर्स जैसे विषय-विशेषज्ञों के सहयोग से काम करेंगी, ताकि शहरों के विकास में स्थानीय सहभागिता और व्यावसायिक दृष्टिकोण का समावेश हो सके।
यह घोषणा उन्होंने राजधानी भोपाल स्थित समत्व भवन में प्रदेश के 12 नगर निगमों के महापौरों को संबोधित करते हुए की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर संघ के अध्यक्ष एवं इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने की। इस अवसर पर उपस्थित महापौरों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और अपने-अपने शहरों के विकास हेतु सुझाव प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महापौरों को शहर का “प्रथम नागरिक” बताते हुए कहा,
“आप सिर्फ एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि अपने नगर के संरक्षक हैं। विकास के हर मोर्चे पर आपकी भूमिका केंद्रीय है। संकल्प लें कि अपने शहरों को देश के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में शामिल करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में ही विकास समितियों के गठन का प्रावधान किया गया है। आने वाले समय में नगर निगम विकास के मॉडल बनेंगे और शहरी प्रशासन में नागरिकों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
जल-गंगा संवर्धन अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने सभी महापौरों को 30 मार्च से 30 जून तक चलने वाले जल-गंगा संवर्धन अभियान के तहत अपने क्षेत्रों में जल संरक्षण से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा:
“जल है तो जीवन है, और जीवन है तो विकास संभव है। बावड़ियों, तालाबों, झीलों और जल स्त्रोतों की सफाई, पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए जनसहभागिता से अभियान चलाएं।”
शराबबंदी को मिला महापौरों का समर्थन
बैठक में उपस्थित महापौरों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पवित्र नगरों में शराबबंदी लागू करने के फैसले के लिए पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। यह निर्णय प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक जिम्मेदारी की ओर एक सराहनीय कदम के रूप में देखा जा रहा है।
औद्योगिक विकास, युवाओं के लिए कैम्प और आत्मनिर्भरता का रोडमैप
मुख्यमंत्री ने महापौरों से अपने-अपने शहरों में कैरियर डेवलपमेंट कैंप, व्यक्तित्व विकास शिविर और औद्योगिक निवेश के लिए प्रस्ताव देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम खर्चों में कटौती करते हुए स्व-वित्तपोषण की दिशा में कदम बढ़ाएं और आय के नए स्रोत विकसित करें।
बैठक में महापौर संघ के अध्यक्ष भार्गव ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जिसमें निम्नलिखित प्रमुख माँगें शामिल रहीं:
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महापौरों के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित किया जाए।
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वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की जाए।
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नगर निगमों में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाए।
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महापौरों को एक-एक सुरक्षा कर्मी प्रदान किया जाए।