जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
केरल के कॉलेजों में रैगिंग के खौफनाक मामले थमने का नाम नहीं ले रहे! कोट्टायम के सरकारी नर्सिंग कॉलेज की घटना के बाद अब करयावट्टोम के सरकारी कॉलेज में बायोटेक्नोलॉजी के एक छात्र ने अपने ही सीनियर्स पर पिटाई और बंधक बनाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस मामले ने पूरे कैंपस में हड़कंप मचा दिया है।
बांस और बेल्ट से बेरहमी से पीटा, पानी में थूककर पिलाया!
पीड़ित छात्र ने बताया कि 11 फरवरी को वह अपने दोस्त के साथ कैंपस से गुजर रहा था, तभी सात सीनियर्स ने उसे रोक लिया। दोस्त किसी तरह भाग निकला और घटना की सूचना प्रिंसिपल को दी, लेकिन तब तक पीड़ित छात्र की बर्बर पिटाई शुरू हो चुकी थी। सीनियर्स ने उसे बांस के डंडे और बेल्ट से बेरहमी से मारा, फिर जब उसने पानी मांगा तो गिलास में थूककर दिया गया!
यूनिट रूम में बंधक बनाकर दी गई धमकियां!
छात्र ने आरोप लगाया कि उसे एक यूनिट रूम में बंद कर दिया गया, उसकी शर्ट उतरवा दी गई और घुटनों के बल बैठने को मजबूर किया गया। यही नहीं, सीनियर्स ने उसे धमकाया कि अगर उसने इस अमानवीय घटना के बारे में किसी को बताया, तो अंजाम बहुत बुरा होगा। छात्र का कहना है कि घटना वाले दिन ही मामले की शिकायत दर्ज करा दी थी। पीड़ित के मुताबिक सीनियर्स ने दोस्त के खिलाफ ही झूठी शिकायत देने पर मजबूर किया। कहा कि दोस्त ने ही उसकी पिटाई की है।
जांच में सच निकला मामला, पुलिस ने दर्ज की रैगिंग की धारा!
पीड़ित छात्र ने उसी दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर कझाकूट्टम पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया। कॉलेज प्रिंसिपल को जांच करने का आदेश दिया गया और सोमवार को पेश की गई रिपोर्ट में छात्र की शिकायत को सही पाया गया। अब रैगिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है और जल्द ही यह रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कॉलेजों में रैगिंग का दंश आज भी ज़िंदा है, और इसका शिकार होने वाले छात्र मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं। प्रशासन की चुप्पी और रैगिंग करने वालों की हिम्मत ऐसे ही बढ़ती रही तो अगला शिकार कौन होगा?