क्राइम, सट्टेबाजी और मर्डर! इंदौर के बहुचर्चित हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा, मामूली विवाद में दोस्त ने भावना को मारी थी गोली; 1000 KM तक भागते रहे हत्यारे, पुलिस ने दबोचा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

इंदौर में हुए भावना सिंह हत्याकांड ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। मामूली कहासुनी के बाद उसके दोस्त मुकुल यादव ने उसे गोली मार दी। लेकिन इस हत्या की तह तक जाने पर पुलिस के सामने सट्टेबाजी और अपराध की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ। इस मामले में मुख्य आरोपी आशु यादव, मुकुल यादव और स्वास्तिका को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

कैसे हुई हत्या? एक पंजाबी गाने से उठा विवाद बना मौत की वजह

21 मार्च की रात, इंदौर के महालक्ष्मी नगर में एक फ्लैट में भावना सिंह अपने दोस्तों के साथ शराब पी रही थी। इसी दौरान मुकुल यादव ने तेज आवाज में पंजाबी गाना बजाना शुरू कर दिया। भावना ने उसे गाना बंद करने के लिए कहा, लेकिन मुकुल ने अनसुना कर दिया। विवाद बढ़ा, गुस्से में मुकुल ने देसी कट्टे से भावना पर गोली चला दी। जिसके बाद आरोपी भावना को कार से बॉम्बे हॉस्पिटल ले गए और वहां छोड़कर फरार हो गए। इलाज के दौरान भावना की मौत हो गई।  इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

हत्या के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश में 1000 किमी तक पीछा कियाचौंकाने वाली बात यह थी कि आरोपी बेहद शातिर निकले और उन्होंने फरारी के दौरान कोई भी मोबाइल फोन या एटीएम कार्ड इस्तेमाल नहीं किया। उन्हें डर था कि ऐसा करने से पुलिस को उनकी लोकेशन मिल जाएगी। आखिरकार, पुलिस ने आशु यादव और मुकुल यादव को धर दबोचा। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 34 मोबाइल फोन, 24 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, 20,000 रुपए नकद और ऑनलाइन सट्टे के हिसाब-किताब से जुड़े कागजात जब्त किए। पुलिस के मुताबिक, आरोपी हत्या के बाद दुबई भागने की फिराक में थे। आशु और मुकुल सगे भाई हैं। उनके पिता की हत्या पारिवारिक विवाद में चाचा ने कर दी थी। मां दतिया में अकेले रहने लगी, जबकि दोनों भाइयों को इंदौर भेज दिया गया। इंदौर आने के बाद वे ऑनलाइन सट्टे के धंधे में उतर गए और इसे एक सफल व्यवसाय बना लिया। हालांकि, समाज में वे प्रॉपर्टी डीलर होने का दिखावा करते थे।

बता दें, जांच के दौरान पुलिस को इस हत्या के पीछे एक बड़ा ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट भी मिला। आशु और मुकुल यादव बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज निकले, जो लोगों को क्रिकेट सट्टे में भारी मुनाफे का लालच देकर ठगते थेवे फर्जी नामों से बैंक अकाउंट खोलते थे और पैसों का लेन-देन करते थे। इसके लिए उन्होंने फर्जी सिम कार्ड और कई मोबाइल फोन खरीदे थे।

वहीं, इस पूरे मामले में स्वास्तिका नाम की एक लड़की का नाम भी सामने आया है, जो बचपन से ही आशु यादव के साथ पढ़ी थी। जब वह इंदौर पढ़ने आई, तो उसने आशु के साथ ही रहना शुरू कर दियासूत्रों के मुताबिक, स्वास्तिका और आशु के बीच गहरे संबंध थे, लेकिन परिवार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद फरारी के दौरान स्वास्तिका ने अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं किया।

जानकारी के लिए आपको बता दें, मृत भावना सिंह ग्वालियर की रहने वाली थी। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद वह अपने चाचा-चाची और दादी के साथ रहती थी। करीब 10 साल पहले उसकी शादी हो चुकी थी, लेकिन माता-पिता के निधन के बाद वह पति से अलग हो गई और अपने दोस्त के साथ रहने लगी। यह बात चाचा और परिवार को पता लगी तो उन्होंने भावना को घर में आने से रोक दिया। भावना ने परिवार से अलग होकर स्वतंत्र रूप से क्लाउड किचन का बिजनेस शुरू किया और  वह अकेले रहने लगी। कुछ दिनों बाद भावना ने दोस्त को भी छोड़ दिया और रेत कारोबारी बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन में रहने लगी। भावना अपने इसी बॉयफ्रेंड के साथ ग्वालियर से 19 मार्च को इंदौर आई थी। लेकिन, यहां से वह कामकाज और महाकाल के दर्शन करने अकेला ही उज्जैन चला गया।


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