जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
छिंदवाड़ा बुधवार को कांग्रेस के बहुचर्चित किसान बचाओ आंदोलन का गवाह बना। जेल बगीचे में आयोजित इस विशाल सभा में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सांसद नकुलनाथ और कई बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे। कांग्रेस ने इसे किसानों और आदिवासियों की जमीन से जुड़े मुद्दों पर प्रदेश स्तर का बड़ा शक्ति प्रदर्शन बताया है।
हजारों कार्यकर्ता और किसान पहुंचे
प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान बुधवार सुबह से ही छिंदवाड़ा पहुंचने लगे। कहीं रैली के रूप में, तो कहीं ट्रैक्टर और बाइक जुलूस निकालते हुए वे आंदोलन स्थल तक पहुंचे। शहर के अलग-अलग चौराहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैंड-बाजे के साथ नारेबाजी की और माहौल को पूरी तरह आंदोलनमय बना दिया।
51 हजार वर्गफीट में तैयार हुआ विशाल पंडाल
आयोजन के लिए 51 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में विशाल पंडाल तैयार किया गया। पंडाल में करीब 10 हजार कुर्सियां लगाई गईं, जबकि 3 हजार अतिरिक्त कुर्सियां अलग से रखी गईं। मंच की ऊंचाई 6 फीट रखी गई है, जिस पर लगभग 80 नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई। मंच पर 10×30 फीट की बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई, जबकि जनता के लिए भी दो और स्क्रीन लगाई गईं ताकि दूर बैठे लोग भी कार्यक्रम स्पष्ट रूप से देख सकें।
बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी विशेष तैयारी की। यातायात निरीक्षक राकेश तिवारी ने बताया कि सभा स्थल पर आने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। भीड़ अधिक होने की स्थिति में सत्कार चौक से कलेक्ट्रेट मार्ग और शुक्ला ग्राउंड से कलेक्ट्रेट मार्ग को डायवर्ट करने की योजना है। शहर के चारों ओर से आने वाले वाहनों को भी अलग-अलग पार्किंग में भेजा जा रहा है।
किसानों और आदिवासियों के मुद्दे उठाए गए
कांग्रेस नेताओं ने मंच से किसानों की समस्याओं और आदिवासी जमीन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उनका कहना था कि मौजूदा सरकार किसानों की दिक्कतों को नजरअंदाज कर रही है और आदिवासियों की जमीन पर लगातार खतरे मंडरा रहे हैं। पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने मंच से पीएम मोदी को किसानों की मौत का जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कांग्रेस सबका बदला लेगी। उन्होंने छिंदवाड़ा एसपी को चाटुकार तक कह डाला। वहीं, जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके ने कलेक्टर शीलेंद्र सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो उन्हें वापस बुलाकर सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने सभा स्थल पर अपने समर्थकों के साथ “कलेक्टर-सांसद भाई-भाई, जमीन बेच के खाई-खाई” के नारे भी लगाए।
कार्यक्रम स्थल पर जब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और पूर्व सांसद नकुलनाथ पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूलों की बड़ी माला पहनाकर स्वागत किया। जयकारों और नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। कांग्रेस का यह किसान बचाओ आंदोलन न केवल किसानों और आदिवासियों के मुद्दों को लेकर एक बड़ा मंच बना बल्कि इसे पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा गया। हजारों कार्यकर्ताओं और किसानों की मौजूदगी ने कांग्रेस के लिए यह साबित किया कि छिंदवाड़ा उसकी सियासत का गढ़ बना हुआ है।