जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
3 जून को भोपाल एक ऐतिहासिक राजनीतिक पहल का गवाह बनने जा रहा है, जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश की राजधानी पहुंचेंगे। वे यहां कांग्रेस के “संगठन सृजन अभियान” की औपचारिक शुरुआत करेंगे, जो पार्टी के ढांचे को निचले स्तर तक मजबूत करने और उसे नए सिरे से खड़ा करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। गुजरात में इसकी शुरुआत के बाद अब यह महाअभियान मध्यप्रदेश में लॉन्च किया जा रहा है। बता दें, कांग्रेस इस अभियान के माध्यम से उन खामियों को दूर करना चाहती है जिनके कारण पार्टी को हाल के चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी खुद इस अभियान की कमान संभालते हुए भोपाल में बैठकों की श्रृंखला में शामिल होंगे। इसमें पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक, विधायकों और सांसदों से चर्चा, AICC द्वारा नियुक्त 61 ऑब्जर्वर्स और मप्र कांग्रेस द्वारा नियुक्त सह-पर्यवेक्षकों के साथ बैठकें शामिल हैं।
PAC की बैठक में प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता जैसे कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, अजय सिंह, नकुलनाथ, सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ राहुल गांधी रणनीतिक चर्चा करेंगे। बैठक में मध्यप्रदेश के संगठन की वर्तमान स्थिति, चुनौतियां और आगामी रणनीति पर विस्तार से विचार होगा। वहीं, PAC बैठक के बाद राहुल गांधी कांग्रेस के 65 विधायकों और राज्यसभा सांसदों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर पार्टी की रणनीति, विधानसभा और राज्यसभा में कांग्रेस की भूमिका तथा विपक्ष के तौर पर मजबूत उपस्थिति को लेकर मंथन होगा। मध्यप्रदेश से सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, ऐसे में कांग्रेस की यह कवायद आगामी चुनावों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
जानकारी के लिए बता दें, AICC द्वारा देशभर से चुने गए 61 ऑब्जर्वर्स को मध्यप्रदेश के हर जिले में संगठन का एक्सरे करने की जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ MP कांग्रेस के 4-4 सह-पर्यवेक्षक काम करेंगे। हर जिले में पांच लोगों की यह टीम जाकर यह आकलन करेगी कि कांग्रेस कहां मजबूत है, संगठन किस स्तर पर सक्रिय है, और कौन-कौन कार्यकर्ता व नेता निष्क्रिय या विरोधी खेमे के संपर्क में हैं। इस दौरान बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाने वाले कांग्रेसी नेताओं की पहचान भी की जाएगी। इन रिपोर्ट्स के आधार पर संगठन में व्यापक फेरबदल की संभावना है।
वहीं, इस अभियान के तहत जिलेवार कांग्रेस के नए ज़िला अध्यक्षों के लिए भी नाम तय किए जाएंगे। ऑब्जर्वर्स स्थानीय स्तर पर ऐसे कार्यकर्ताओं की पहचान करेंगे जो वैचारिक रूप से पार्टी से जुड़े हैं, जिनका कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा तालमेल है और जो नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। इस प्रक्रिया से कांग्रेस पुराने चेहरों की जगह नए, कर्मठ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आगे लाना चाहती है। इस अभियान का एक बड़ा मकसद स्थानीय विधायकों और प्रभावशाली नेताओं के “कब्जे” से संगठन को मुक्त कराना भी है।
बता दें, राहुल गांधी के दौरे को लेकर MP कांग्रेस में भारी उत्साह है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को सजाया गया है। 70 से अधिक होटल रूम बुक किए गए हैं, जिनमें भोपाल के रेडिसन, अशोका और जहांनुमा जैसे प्रतिष्ठित होटल शामिल हैं। AICC के ऑब्जर्वर भी आज से भोपाल पहुंचना शुरू कर चुके हैं।