मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में जन्मी है ऑपरेशन सिंदूर की वीरांगना कर्नल सोफिया कुरैशी, चपन से ही सेना में जाने का देखा था सपना; नौगांव के शासकीय जीटीसी प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की प्रारंभिक शिक्षा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा की गई जबरदस्त कार्यवाही, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया, उसकी ब्रीफिंग देने वाली सेना की अधिकारी कोई और नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी हैं। पूरे देश की नजरें जब टीवी स्क्रीन पर ऑपरेशन की जानकारी देने वाली अधिकारी पर थीं, तब बहुत कम लोगों को यह पता था कि यह महिला अधिकारी छतरपुर के नौगांव कस्बे की बेटी है, जिसने बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखा था और आज वह सपना गर्व, वीरता और देशभक्ति में तब्दील हो चुका है।

कर्नल सोफिया का जन्म 12 दिसंबर 1975 को नौगांव के रंगरेज मोहल्ले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नौगांव के शासकीय जीटीसी प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। सेना परिवार से ताल्लुक रखने वाली सोफिया का बचपन से ही रुझान अनुशासन और देशसेवा की ओर था। उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी बीएसएफ में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके चाचा इस्माइल कुरैशी और वली मोहम्मद भी बीएसएफ में सेवाएं दे चुके हैं। ऐसा लगता है जैसे देशभक्ति और अनुशासन इस परिवार की रगों में बहता है।

बचपन में ही सोफिया ने यह ठान लिया था कि उन्हें सेना में ही जाना है। परिवार में जब इस फैसले को लेकर मतभेद हुआ, तो उनके पिता ने बेटी का साथ दिया। आज वही पिता गर्व से कहते हैं कि “अगर सरकार मुझे मौका दे, तो मैं आज भी पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को खत्म करना चाहता हूं।”

सोफिया की मां हलीमा कुरैशी कहती हैं, “बेटी ने बहनों और माताओं के सिंदूर का बदला ले लिया है।” यह कथन केवल भावुक नहीं, बल्कि उस मिशन की सफलता और उसके पीछे छुपे भावनात्मक बलिदान का प्रतीक है।

सोफिया के परिवार वाले बताते हैं कि वह पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल थी, लेकिन खेलों में उसकी रुचि कम थी। सेना की ओर झुकाव इतना था कि जब वे लोग वडोदरा में सोफिया से मिलने गए थे, तब उसने खुद कहा था – “मैं सेना में जाऊंगी।” और वही हुआ। सोफिया ने पढ़ाई पूरी कर सेना में प्रवेश किया और लेफ्टिनेंट से कैप्टन, फिर झांसी में मेजर और गांधीनगर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पहुंचीं। वर्तमान में वे भारतीय सेना में कर्नल के पद पर सेवारत हैं।

उनके पति मेजर ताजुद्दीन कुरैशी भी सेना में कार्यरत हैं। इस तरह यह पूरा परिवार सेना की सेवा में समर्पित है।

यह पहली बार नहीं है जब सोफिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नेतृत्व किया हो। 2016 में एक्सरसाइज फोर्स-18 के दौरान वे भारत की एकमात्र महिला कमांडर थीं, जिन्होंने विदेशी सैन्य अभ्यास में देश का नेतृत्व किया। इसके अलावा वे संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों (Peacekeeping Operations) में भी लगभग 6 वर्षों तक सेवा दे चुकी हैं।

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