जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश में आज, 1 अप्रैल 2025 से ‘स्कूल चलें हम’ अभियान का आगाज हुआ, जिसके अंतर्गत भोपाल के शासकीय नवीन उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, अरेरा कॉलोनी (ओल्ड कैंपियन) में राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने छात्रों को शिक्षा के महत्व के बारे में प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के सभी सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर ‘सांदीपनि स्कूल’ करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि “सीएम राइज स्कूल का नाम ऐसा लगता था जैसे यह अंग्रेजों के जमाने का हो, इसलिए इसे बदलकर महान ऋषि सांदीपनि के नाम पर रखा गया है।” इस निर्णय के साथ ही प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
बता दें, मुख्यमंत्री ने आज शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल में स्कूल चलें हम अभियान के अंतर्गत “राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम – 2025” का शुभारंभ किया। साथ ही इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनसे संवाद किया। इस दौरान सीएम ने कहा हमारे बेटे-बेटियों का यह आत्मविश्वास, ऊर्जा और लगन मध्यप्रदेश के “उज्ज्वल भविष्य” का सशक्त आधार है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव प्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर “शिक्षा पोर्टल 3.0” का शुभारंभ भी किया गया, जो विद्यार्थियों के शैक्षणिक डेटा को डिजिटल रूप से संग्रहीत और प्रबंधित करेगा।
बता दें, प्रवेशोत्सव कार्यक्रम-2025 के तहत, मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से की जा रही है। इस पोर्टल में “स्टूडेंट डायरेक्ट्री मैनेजमेंट सिस्टम” को शामिल किया गया है, जिससे सभी विद्यार्थियों और विद्यालयों की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी। इस पहल से शिक्षा विभाग के कार्यों को तेजी से और पारदर्शिता के साथ संपन्न किया जा सकेगा। राज्यभर में इस कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें वितरित की गईं, और यह सुनिश्चित किया गया कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही विद्यार्थियों को ये किताबें मिल जाएं।
ग्राम स्तर पर भी इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है। सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि गांवों और बसाहटों में स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक बच्चे स्कूल से जुड़ सकें।
इसके साथ ही, 1 अप्रैल को कक्षा 1 से 8 तक की शालाओं में बालसभा का आयोजन किया गया, और विद्यार्थियों के उत्साह को बनाए रखने के लिए विद्यालयों में विशेष भोजन की व्यवस्था भी की गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए और सरकारी स्कूलों की शिक्षा किसी भी निजी विद्यालय से कमतर नहीं है। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप भी उपस्थित रहे।
वहीं इस खास मौके पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह भी घोषणा की कि जुलाई 2025 से बेटियों को साइकिल दी जाएगी, जिससे वे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। साथ ही, उन्होंने शिक्षा विभाग और शिक्षकों को बधाई दी कि इस बार पहली बार 1 अप्रैल से ही सभी विद्यार्थी अपनी नई कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि यह पहली बार हुआ है कि पूरे प्रदेश के सभी जिलों में विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य-पुस्तकें और अन्य शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गई हैं। इस वर्ष 1 अप्रैल से जब छात्र विद्यालय में प्रवेश करेंगे, तो उनकी किताबें पहले से ही उनके बैग में होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिलेंगे। इस वर्ष पहली बार सभी सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र समय पर प्रारंभ किया गया है, जिससे छात्र-छात्राओं को पूरे वर्ष पढ़ाई का लाभ मिलेगा।