जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों से मुलाकात कर मध्यप्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र खोलने की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में शीघ्र आकाशवाणी केंद्र प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरूगन से विशेष आग्रह किया। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने न केवल इसकी सहमति दी, बल्कि आवश्यक प्रक्रियाओं को तेजी से प्रारंभ करवाने का भी आश्वासन दिया। जब तक उज्जैन में आकाशवाणी स्टूडियो का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक इसके प्रसारण की व्यवस्था आकाशवाणी इंदौर केंद्र के माध्यम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रायसेन जिले के विकास की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम बंगलौर स्थित बीईएमएल लिमिटेड द्वारा रायसेन में अत्याधुनिक रेल कोच विनिर्माण संयंत्र लगाया जाएगा। लगभग 1800 करोड़ रुपए के इस निवेश से मध्यप्रदेश को न केवल उद्योग के क्षेत्र में बढ़त मिलेगी, बल्कि करीब 1500 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से इस संयंत्र के शिलान्यास के लिए आग्रह किया है। इस परियोजना में मध्यप्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त भागीदारी रहेगी। डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संयंत्र के लिए लगभग 60 हेक्टेयर भूमि का आवंटन भी कर दिया है। इससे मध्यप्रदेश देश के रेल कोच निर्माण मानचित्र में विशेष स्थान बनाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात कर राज्य में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में चल रही पहलों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ग्रीन एनर्जी’ विजन को लेकर मध्यप्रदेश देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश पूरे देश में सबसे सस्ती दर पर बिजली दे रहा है, जिससे नई दिल्ली में मेट्रो ट्रेन तक संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राज्य के 32 लाख किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि किसान अपनी स्वयं की बिजली बना सकें। इससे करीब 18 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी का भार भी राज्य सरकार पर कम होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम श्री योजना की तीनों श्रेणियों ए, बी और सी में मध्यप्रदेश लगातार कार्य कर रहा है। भविष्य में राज्य में लगभग 4200 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क स्थापित होंगे, जो नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि होगी। इसके अतिरिक्त उत्तरप्रदेश के साथ 2000 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स विकसित किए जाएंगे, जिसके तहत दोनों राज्य 6-6 महीने बिजली का आपसी बंटवारा भी करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता से मध्यप्रदेश जल्द ही औद्योगिक और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। उन्होंने सभी परियोजनाओं को लेकर जनता से सहयोग की अपील भी की और कहा कि यह विकास प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएगा और हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर देगा।