जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक, सुगम और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है। राज्य के ग्रामीण, शहरी और इंटरसिटी परिवहन को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ प्रारंभ की जाएगी। इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसे अंतिम रूप देने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श, सुझाव एवं सहमति के बाद इसे जल्द ही मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दी, जिसमें नवीन परिवहन सेवा को लेकर प्रारंभिक चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की परिवहन सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुविधाजनक बनाना है। विशेष रूप से प्रदेश के सभी जनजातीय क्षेत्रों में सुगम यात्री परिवहन सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्य सचिव अनुराग जैन ने वर्चुअली सहभागिता की। इसके अलावा, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं प्रशासन संजय कुमार शुक्ल, सचिव परिवहन मनीष सिंह, सचिव मुख्यमंत्री सिबी चक्रवर्ती एवं संचालक जनसंपर्क अंशुल गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
इस योजना के तहत, राज्य सरकार परिवहन सेवाओं के सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर रही है, ताकि यात्रियों को अधिकतम लाभ मिल सके। बैठक में सचिव परिवहन मनीष सिंह ने नवीन परिवहन सेवा योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत यात्री बसों के संचालन की त्रि-स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय स्तर पर एक राज्यस्तरीय होल्डिंग कंपनी गठित की जाएगी, साथ ही प्रदेश के सात बड़े संभागों – भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं रीवा – में 7 क्षेत्रीय सहायक कंपनियां भी स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय यात्री परिवहन समितियां भी गठित की जाएंगी। इन सभी समितियों और कंपनियों का उद्देश्य यात्री परिवहन को अधिक सुचारू रूप से संचालित करना, किराए की उचित दरें तय करना, रूट चार्ट तैयार करना और यात्रियों को अधिकतम लाभ दिलाना होगा।
योजना को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाने के लिए सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियों की आय अर्जन के नए स्रोत भी तैयार किए जाएंगे। सरकार अनुबंधित बसों को प्राथमिकता से परमिट देगी, जिससे परिवहन व्यवस्था प्रभावी नियंत्रण में रहे। इस योजना के अंतर्गत यात्रियों एवं बस ऑपरेटर्स के लिए एक मोबाइल ऐप और मॉनिटरिंग के लिए एक डैशबोर्ड भी विकसित किया जाएगा। इससे परिवहन सेवा अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी। योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रदेश के सात बड़े संभागों में यात्री बसों की संख्या और उनकी जरूरतों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर योजना के क्रियान्वयन को अंतिम रूप दिया जाएगा।
‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ योजना का सबसे बड़ा लाभ यात्रियों को मिलेगा, जिन्हें पहले से अधिक सुविधाजनक, सस्ती और सुगम परिवहन सेवाएं मिलेंगी। वहीं, बस ऑपरेटर्स के लिए भी सरकार एक स्थायी व्यापार मॉडल तैयार कर रही है, जिससे उनकी सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहें और उन्हें कोई आर्थिक नुकसान न हो। कुल मिलाकर, इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में परिवहन को अधिक सुलभ, विश्वसनीय और आधुनिक बनाना है, जिससे हर नागरिक को बिना किसी असुविधा के यात्रा करने की सुविधा प्राप्त हो सके।