रिंवझा पहुंचे सीएम डॉ. यादव, अनिरुद्धाचार्य जी महाराज द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में हुए शामिल; व्यासपीठ को नमन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को जबलपुर ज़िले के समीप ग्राम रिंवझा पहुंचे, जहां वे श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं श्रीमद भागवत कथा के दिव्य आयोजन में शामिल हुए। इस श्रद्धामयी कथा का आयोजन वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध कथावाचक डॉ. अनिरुद्धाचार्य जी महाराज द्वारा किया गया। यह आयोजन इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि रिंवझा अनिरुद्धाचार्य जी का पैतृक ग्राम है और उनका बचपन भी यहीं व्यतीत हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कथा स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले व्यासपीठ को नमन किया और डॉ. अनिरुद्धाचार्य जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें श्रीमद्भागवत गीता, बंशी और अंगवस्त्रम् भेंट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री की कार्यशैली की सराहना करते हुए उन्हें लोकहित में समर्पित नेता बताया। वहीं, इस दौरान कथावाचक डॉ. अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने मुख्यमंत्री के समक्ष ग्राम रिंवझा में एक विद्यालय स्थापित करने की इच्छा भी व्यक्त की, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों की भी शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम आने का आग्रह किया, ताकि वे वहां चल रहे सेवा कार्यों का स्वयं अवलोकन कर सकें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद भागवत कथा का श्रवण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि यह कथा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, उनके आदर्शों और संस्कृति से जुड़ने का अवसर है। मुख्यमंत्री ने वेद वाक्य “यत् पिंडे-तत् ब्रह्माण्डे” की गूढ़ व्याख्या करते हुए कहा कि मनुष्य के भीतर ही संपूर्ण ब्रह्मांड समाहित है।

उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने के बाद शिक्षा प्राप्त करने उज्जैन की यात्रा की थी। श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसंग आज भी हमें भेदभाव से ऊपर उठकर सच्ची मित्रता निभाने की प्रेरणा देता है।

डॉ. यादव ने राज्य सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मैहर और ओरछा समेत 19 धार्मिक नगरों में शराब दुकानों को बंद कराया गया है, वहीं खुले में मांस विक्रय पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि गोपालन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार 25 से अधिक गायें पालने वालों को अनुदान भी प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश अभी दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है और यहां देश का 9 प्रतिशत दूध उत्पादित होता है। राज्य सरकार ने इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का संकल्प लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की परिक्रमा पथ को सर्व-सुविधायुक्त बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है, जहां जगह-जगह आश्रय स्थल बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की बात करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को देवी-देवताओं के प्रसंग और संस्कारों की शिक्षा भी दी जाएगी, जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति का गहरा ज्ञान मिले।

इस अवसर पर आयोजन में संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, सांसद आशीष दुबे, विधायक अजय विश्नोई, नीरज सिंह, संतोष वरकडे, पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी, ज़िला पंचायत अध्यक्ष आशा मुकेश गोटिया, श्री अखिलेश जैन, राजकुमार पटेल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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