जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रामनवमी पर एक ओर जहां पूरा देश जय श्रीराम के जयकारों से गूंज रहा था, वहीं पश्चिम बंगाल में हालात तनावपूर्ण होते नजर आए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार ने रविवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में रामनवमी की रैली पर हमला हुआ है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि सिर्फ भगवा झंडा ले जाने पर ही कुछ लोगों ने गाड़ियों पर पथराव कर दिया। हमले में वाहनों के विंडशील्ड और खिड़कियों के शीशे टूट गए। उन्होंने इसे सुनियोजित और टारगेट हिंसा करार देते हुए ममता सरकार पर तीखा हमला बोला।
कोलकाता पुलिस ने इनकार किया, कहा- परमिशन नहीं ली गई थी
पुलिस ने मजूमदार के दावे को खारिज करते हुए कहा कि जुलूस की कोई परमिशन नहीं ली गई थी और ऐसी किसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने दावा किया कि किसी वाहन को नुकसान पहुंचने की खबर के बाद तुरंत मौके पर पहुंचकर हालात को कंट्रोल किया गया, और अब स्थिति पूरी तरह सामान्य है। साथ ही अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसी भी वीडियो या दावे पर आंख मूंदकर विश्वास न करें।
राज्य में हाई अलर्ट, लेकिन फिर भी छुटपुट हिंसा की घटनाएं
पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले ही रामनवमी के चलते राज्यभर में हाई अलर्ट जारी किया था। 9 अप्रैल तक सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं। दक्षिण बंगाल के एडीजी सुप्रतिम सरकार ने बताया कि उनके पास इनपुट था कि कुछ लोग रामनवमी की आड़ में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश कर सकते हैं। यही वजह रही कि कोलकाता, हावड़ा, मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, उत्तर-दक्षिण 24 परगना समेत कई जिलों में RAF और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी।