जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के भारत भवन में 20 जून की शाम एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के अंतर्गत ‘सदानीरा समागम’ का भव्य शुभारंभ करेंगे। यह समागम न सिर्फ नदियों और जल स्रोतों के संरक्षण को समर्पित है, बल्कि जल संस्कृति, लोक चेतना, साहित्य, कला और विज्ञान के समन्वय से एक व्यापक जनजागरूकता अभियान का रूप ले चुका है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे, जबकि आयोजन में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, संस्कृति और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला सहित प्रदेश के कई गणमान्य नागरिक, कलाकार, वैज्ञानिक, और बुद्धिजीवी उपस्थित रहेंगे।
इस अनूठे समागम की शुरुआत निर्देशक ऋषिकेश पांडे द्वारा निर्मित लघु फिल्म ‘सदानीरा’ के लोकार्पण से होगी, जो नदियों और जल स्रोतों के प्रति जनभावना को समर्पित एक संवेदनशील कलात्मक अभिव्यक्ति है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस अवसर पर वीर भारत न्यास, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा प्रकाशित सात महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इन पुस्तकों में ‘सदानीरा’, ‘पृथ्वी पानी का देश है…’, ‘अमृत जलधारा’ (चार खंड) और ‘जल धरा’ प्रमुख हैं। ये सभी पुस्तकें जल संरक्षण और उससे जुड़ी सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित हैं।
वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव और मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने बताया कि ‘सदानीरा समागम’ देश का ऐसा पहला आयोजन है, जो नदियों और जलधाराओं को केवल जल स्रोत के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत करता है। आयोजन में देशभर के लगभग 200 से अधिक विद्वान, वैज्ञानिक, लेखक, पुरातत्वविद, कलाकार और पत्रकार सहभागिता करेंगे।
यह समागम सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि नदी के प्रति श्रद्धा और संरक्षण की चेतना है, जो पीढ़ियों को जल संस्कृति की अहमियत सिखाएगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा निर्मित और राजेन्द्र जांगले द्वारा निर्देशित फिल्म ‘रागा ऑफ रिवर नर्मदा’ का प्रदर्शन भी किया जाएगा, जो दर्शकों को नर्मदा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से जोड़ता है।
पहले दिन की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होंगी विशेष आकर्षण, जिनमें स्मिता नागदेव और राहुल शर्मा द्वारा ‘साउंड ऑफ रिवर’ शीर्षक से संगीत और कविता आधारित कार्यक्रम तथा विदुषी शर्मा भाटे (पुणे) द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका ‘हम नवा’ का मंचन शामिल है।
इस आयोजन का एक और महत्वपूर्ण पहलू है जल संरक्षण पर केंद्रित प्रदर्शनी, जिसमें मध्यप्रदेश के प्राचीन जल स्रोतों, बावड़ियों, सरोवरों और जल संरचनाओं की पुरातत्वीय, ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्ता को रेखांकित किया गया है। मध्यप्रदेश जनसंपर्क, अभिलेखागार, संग्रहालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सहयोग से ‘जलचर’ और ‘अमृतस्य नर्मदा’ शीर्षक से दो विशिष्ट प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। इस समागम में वरिष्ठ छायाकार राजेन्द्र जांगले द्वारा नर्मदा परिक्रमा पर आधारित छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी दर्शकों के लिए एक भावनात्मक अनुभव होगी।